रोहतास में जीयर स्वामी ने कहा, पर्वत व पेड़ निरंतर हमारी रक्षा करते हैं
रोहतास। पर्वत व वृक्ष हमारी 24 घंटे रक्षा करते हैं। पर्वत हमारे राष्ट्र की जगत की रक्षा क
रोहतास। पर्वत व वृक्ष हमारी 24 घंटे रक्षा करते हैं। पर्वत हमारे राष्ट्र की, जगत की रक्षा करते हैं। हमलोग तो कभी-कभी सो भी जाते हैं, परंतु पर्वत रात-दिन जाग कर अहर्निश हमारी रक्षा करते हैं। प्रखंड के वेद खैरा गांव में आयोजित महायज्ञ में शनिवार को प्रवचन करते हुए लक्ष्मर प्रपन्न जीयर स्वामी ने यह बातें कही। कहा कि जो उपकार करे,, कल्याण करे वही देवता हैं। हम उनकी पूजा करते हैं। वे हमारा मंगल करते हैं। अग्नि, वायु, सूर्य, चंद्र, पृथ्वी प्रत्यक्ष देवता हैं।
स्वामी जी ने बताया कि एक होते हैं योगीश्वर, एक योगेश्वर, एक होते हैं योगी और एक होता है योग। जिस साधना से हमें उन तत्वों से कितना भी नास्तिक होइए।हमारा संबंध हो जाए, उसी का नाम योग है। पातं†जल योग के अनुसार हमारी चित् की जो चंचलता है, जो भटकाव है, जो उधेड़बुन है, जो साधन समाप्त हो जाए उसी का नाम योग है। जो करने वाला है वह योगी है। योग करने वाले योगियों में जो श्रेष्ठ है वह योगीश्वर है। जिनके द्वारा योग उत्पन्न हुआ हो वे योगेश्वर हैं। भगवान कृष्ण योगेश्वर हैं।
लोग कहते हैं कि भगवान कहां हैं, गॉड कहां हैं। दुनिया अपने से चलती है। लेकिन कोई न कोई व्यवस्था है, इस दुनिया को चलाने के लिए। यदि सूर्य थोड़ा सा नीचे आ जाए तो पुरी दुनिया जलने लगेगी। उपर चले जाएं तो ठंड से अस्त व्यस्त हो जाना पड़ेगा। इसलिए अपने विवेक बुद्धि का उपयोग करिए। नास्तिकता से काम नहीं चलने वाला है। जितनी भी प्राकृतिक वस्तुएं हैं, इन सबको बनाने वाला कोई न कोई भगवान होगा। जब कोई कारण है तो कोई न कोई कर्ता भी है।