कोरोना से बचाव के लिए मास्क को लाइफस्टाइल में करें शामिल : डॉ. एनएल चौहान

रोहतास। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग में मास्क से बड़ा कोई हथियार नहीं। इसे हमें अपने

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 09:56 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 09:56 PM (IST)
कोरोना से बचाव के लिए मास्क को लाइफस्टाइल में करें शामिल : डॉ. एनएल चौहान
कोरोना से बचाव के लिए मास्क को लाइफस्टाइल में करें शामिल : डॉ. एनएल चौहान

रोहतास। वैश्विक महामारी कोरोना से जंग में मास्क से बड़ा कोई हथियार नहीं। इसे हमें अपने जीवन पद्धति का हिस्सा बनाना पड़ेगा। पेशा, स्थिति व सामाजिक संरचना के अनुरूप भले ही हम अलग-अलग तरह के वस्त्रों को पहनते हैं लेकिन मास्क हर किसी के लिए अत्यंत आवश्यक है।

यह कहना है सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक व आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. नंद लाल चौहान का।

डॉ. चौहान का कहना है कि कोरोना के लक्षण दिखने के बाद कोविड गाइडलाइन के तहत कई दवाएं दी जा रही हैं। कोरोना को मात दे हम स्वस्थ भी तेजी से हो रहे हैं। इसमें खास यह कि अधिकांश दवाएं हमारे इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए हैं। अगर हम प्रकृति पर अपनी निर्भरता बढ़ाएं तो हद तक हम कोरोना के संक्रमण से बच सकते हैं। पूरे विश्व में इस बीमारी से बचाव के लिए मास्क की अनिवार्यता को स्वीकार किया है। हमें भी इसे अपनी जीवनशैली में अपनाना होगा। कहाकि एक चिकित्सक अपनी पढ़ाई के समय से ही मास्क को अपनाने लगते हैं।खासकर सर्जन हर सर्जरी के समय इसे अवश्य धारण करते हैं। वायरस शरीर के अंदर जाने से रोकने के लिए सही ढंग से मास्क अपनाने के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है। बताते हैं कि सदर अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके कई परिजन बिना मास्क के ही आ जाते हैं। कोई मास्क लगाया भी है तो उससे नाक व मुंह पूरी तरह नहीं ढका रहता, जिससे उसमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। मास्क सही ढंग से व जबतक बाहर रहें तबतक पहने रहें इस बात का ध्यान रखना होगा। अब जब कोरोना के नए स्ट्रेन आ रहे हैं और यह पहले से अधिक खतरनाक भी है तो इससे बचने के लिए वृद्ध से ले बच्चों तक को मास्क अपनाना होगा। कहा कि इम्युनिटी सिस्टम को केवल दवा के बल पर नहीं बढ़ाया जा सकता। आवश्यकता से अधिक विटामिन की दवाएं नुकसानदेह भी होती हैं। इम्युनिटी को खुली व स्वच्छ हवा, धूप, साफ पानी का सेवन कर व नियमित योग तथा प्राणायाम से बढ़ाया जा सकता है। जब हम धूप का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी दूर हो जाती है। स्वच्छ व पेड़-पौधों के समीप मिलने वाली हवा हमें प्रचूर मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध कराती है। इस लिए इस बीमारी से बचने के लिए प्रकृति को भी अपनाएं।

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