कैमूर पहाड़ी पर थम नहीं रहा अवैध खनन

कैमूर पहाड़ी पर अवैध खनन को पूरी तरह से रोक लगाने में सिस्टम अबतक नाकाम साबित हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:35 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:35 PM (IST)
कैमूर पहाड़ी पर थम नहीं रहा अवैध खनन
कैमूर पहाड़ी पर थम नहीं रहा अवैध खनन

रोहतास। कैमूर पहाड़ी पर अवैध खनन को पूरी तरह से रोक लगाने में सिस्टम अबतक नाकाम साबित हुआ है। गत आठ वर्षों में जितने पहाड़ का खनन हुआ है, वह वैध रूप से पचास वर्षों में भी नहीं हुआ है। अवैध खनन से न केवल माफिया तंत्र हावी हुए, बल्कि नव ढनाढ्यों एक नया वर्ग भी तैयार हो गया है।

गत वर्ष खनन एवं भू-तत्व विभाग द्वारा गायघाट व गिजुआही मौजा के तीन ब्लॉक के लगभग 19 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चिन्हित पत्थर भूखंड को खनन कार्य के लिए बंदोबस्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन तकनीकी कारणों से बंदोबस्ती प्रक्रिया को विभाग ने स्थगित कर दिया।। पहली बार मई-जून 2015 में चिह्नित पत्थर खदानों को बंदोबस्त करने की कवायद शुरू की गई थी। टेंडर भी निकाले गए, लेकिन निविदा खुलने से महज कुछ घंटे पहले वन विभाग द्वारा आपत्ति जताए जाने के कारण बंदोबस्ती प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा था। उसके बाद फरवरी 2019 में दूसरी बार प्रक्रिया शुरू की गई। गायघाट, गिजवाही, करवंदिया, फाजिलपुर, अमरा, कंचनपुर समेत दर्जनों गांवों के लोगों को कहना है कि वे पर्यावरण व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। अधिकारियों की मिलीभगत से कैमूर पहाड़ी को माफिया खनन कार्य कर बर्बाद कर दिए हैं। करोड़ों रुपये राजस्व की चोरी हुई है, बावजूद जवाबदेह तंत्र खनन पर रोक होने की बात कहता रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि नियमों के विरुद्ध् खनन कार्य से दमा, टीबी के अलावा श्वांस रोगियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।

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