अब भी ईंट- भट्ठों पर रहने को विवश हैं सैकड़ों बच्चे
रोहतास। लाखों बच्चे हजारों सपने सबका समाधान सिर्फ सर्व शिक्षा अभियान। सरकार का यह नारा अ
रोहतास। लाखों बच्चे, हजारों सपने, सबका समाधान, सिर्फ सर्व शिक्षा अभियान। सरकार का यह नारा अब भी सैकड़ों बच्चों तक नहीं पहुंच पाई है। शायद यही वजह है कि इन बच्चों का बचपन ईंट भट्ठों पर अब भी अपना भविष्य तलाशने को विवश है। यहां तक शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं पहुंच पाए हैं। इन बच्चों के लिए न तो शिक्षा कोई मायने रखती है न ही दवा-दारू। इनके माता-पिता की भविष्य भी दो जून की रोटी तलाशने तक सिमट कर रह गई है।
जिले के जमुहार, कंचनपुर, खंडा, महदेवा समेत एक सौ से अधिक ईट भट्ठे, जहां पर रोजी-रोटी की जुगाड़ में आए सैकड़ों परिवार के बच्चे यहां रहने को विवश हैं। श्रम विभाग भी इन बच्चों के प्रति उदासीन बना हुआ है, जबकि एक स्वयंसेवी संस्था की याचिका पर मानवाधिकार आयोग व सुप्रीम कोर्ट ने जिले के धौडाड, भरकोल समेत अन्य चिमनी भट्ठों पर काम कर रहे बाहरी मजदूरों व उनके बच्चे को समुचित सुरक्षा व सहायता देने का आदेश छह माह पूर्व दिया था। इसके बावजूद विभाग की तरफ से कोई अबतक कोई पहल नहीं की जा सकी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच उन्हें जानलेवा बीमारियों से बचाने के काम लगी है। इन दिनों जिले में जापानी इंफ्लाइटिस टीकाकरण अभियान के तहत जेई टीका लगा उन्हें स्वस्थ व सुरक्षित रखने के लिए उनके माता-पिता को प्रेरित किया। यूनीसेफ के एसएमसी असजद इकबाल सागर की माने तो ईंट भट्ठों पर काम करने वाले परिवार के बच्चे भले ही स्कूल से दूर रहे हो, लेकिन उन्हें जानलेवा बीमारियों से बचाने कार्य किया जा रहा है। नियमित टीकाकरण के तहत इन्हें जेई का टीका दिया गया ताकि ये बच्चे मस्तिष्क ज्वर यानी जापानी इंसेफ्लाइटिस बीमारी से सुरक्षित रह सके। डेहरी प्रखंड के जमुहार स्थित विभिन्न ईंट भट्ठा पर एक वर्ष से 15 साल तक के 326 बच्चों को जेई का टीका लगाया गया। इसमें एएनएम रंजना कुमारी व यूनीसेफ के बीएमसी संजय अनुपम ने बच्चों और उनके माता-पिता को टीका के लाभ और महत्व से अवगत कराया।