सदर अस्पताल में छह दिनों में दूसरी बार हुई चिकित्सक से मारपीट

जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में चिकित्सक डाक्टर केडी पूजन के साथ सोमवार को हुई मारपीट की घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को बंद कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 05:27 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 05:27 PM (IST)
सदर अस्पताल में छह दिनों में दूसरी बार हुई चिकित्सक से मारपीट
सदर अस्पताल में छह दिनों में दूसरी बार हुई चिकित्सक से मारपीट

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। जिला मुख्यालय के सदर अस्पताल में चिकित्सक डाक्टर केडी पूजन के साथ सोमवार को हुई मारपीट की घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा को बंद कर दिया। आक्रोशित चिकित्सकों ने अपनी सुरक्षा की मांग को ले फिलहाल यह सेवा ठप करते हुए प्रशासन को त्राहिमाम संदेश भेजा है। इस मामले में नगर थाना की पुलिस ने तोड़फोड की घटना में संलिप्त होने के संदेह में एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है।

एएसपी अरविद प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में पीड़ित चिकित्सक के बयान को दर्ज कर लिया गया है। तोड़फोड़ मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। फिलहाल सदर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। सदर अस्पताल के चिकित्सक के साथ मारपीट की घटना के बाद पिछले छह दिनों के अंदर दूसरी बार ओपीडी सेवा बंद की गई है। बताते चले कि इसके पूर्व 28 अप्रैल की रात कोविड वार्ड में इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगा मरीज के स्वजनों ने ड्यूटी पर तैनात सदर अस्पताल के चिकित्सक पंकज कुमार के साथ मारपीट की थी। कोविड केयर यूनिट में डाक्टर से लेकर पारा मेडिकल स्टाफ पर मरीजों के इलाज में लापरवाही बरते जाने के बाद मरीज के स्वजनों के बार-बार आक्रोशित होने की घटनाओं की लगातार हो रही पुनरावृति ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया है। कुछ दिन पहले ही पीपीपी मोड में शुरु हुई सीटी स्कैन सेवा, एक्सरे आदि बंद होने से भी इलाज के लिए सदर अस्पताल आ रहे लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। सदर अस्पताल में अपनी सास का इलाज कराने पहुंचे अविनाश कुमार बताते है कि उपलब्ध संसाधनों का भी अस्पताल कर्मी बेहतर ढ़ंग से इलाज करने से परहेज कर रहे है। सदर अस्पताल में जांच से ले अन्य सेवाएं केवल दिखाने के लिए है। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन आदि सेवाएं अन्य लोगों के हाथ में होने के कारण चिकित्सक व कर्मी भी हमेशा दबाव महसूस कर रहे हैं।

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