यूरिया की संकट से जूझ रहे अन्नदाता, फसलों को बचाने में बहा रहे पसीना

अनुमंडल क्षेत्र के किसान एक बार फिर यूरिया की संकट से जूझ रहे हैं। गत कई वर्षों से आसानी से यूरिया उपलब्ध हो जाने से किसानों को काफी राहत थी लेकिन इस बार की यूरिया की संकट ने किसानों को पुराने दिन याद करा दिया है। उर्वरक दुकानों पर घंटों कतार में खड़ा रहने के बाद भी यूरिया मिलेगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:05 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:05 PM (IST)
यूरिया की संकट से जूझ रहे अन्नदाता, फसलों को बचाने में बहा रहे पसीना
यूरिया की संकट से जूझ रहे अन्नदाता, फसलों को बचाने में बहा रहे पसीना

संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज : रोहतास। अनुमंडल क्षेत्र के किसान एक बार फिर यूरिया की संकट से जूझ रहे हैं। गत कई वर्षों से आसानी से यूरिया उपलब्ध हो जाने से किसानों को काफी राहत थी, लेकिन इस बार की यूरिया की संकट ने किसानों को पुराने दिन याद करा दिया है। उर्वरक दुकानों पर घंटों कतार में खड़ा रहने के बाद भी यूरिया मिलेगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। किसान धूप व बारिश की परवाह किए बगैर खेत में लहलहाती फसल को बचाने के लिए लाइन में लगे रहते हैं। आज इस दुकान तो कल किसी दूसरी दुकान पर लाइन में लगते हैं। बिस्कोमान में यूरिया आती भी है, तो 10-15 दिनों के अंतराल पर। वह भी एक-दो दिन के बाद ही समाप्त हो जाती है।

कल किस दुकान पर और कहां यूरिया बंटेगी, इसकी टोह में शहर में घूमते हुए ही किसानों का पूरा दिन गुजर जाता है। अपने पुरुषार्थ की बदौलत सबका का पेट पालने वाले अन्नदाता फिलहाल यूरिया की संकट से पस्त हो रहे हैं। वे बाजारों में उर्वरक दुकानों व बिस्कोमान के बिक्री केंद्रों पर घंटों कतार में खड़े होकर पसीना बहा रहे हैं, लेकिन इस संकट के समाधान को लेकर जिम्मेदार महकमा मौन साधे हुए है।

किसान जितेंद्र प्रसाद, मनोज कुमार समेत अन्य का कहना है कि चार बजे से सुबह से ही कतार लगनी शुरू हो जा रही है। एक आधार कार्ड पर एक किसान को अधिकतम चार बोरी यूरिया ही मिल रही है। इससे छोटे किसानों का काम तो चल जा रहा है, पर बड़े किसानों को परेशानी हो रही है। प्रखंड में सैकड़ों ऐसे किसान हैं, जो अधिक खेती करते हैं। कई मजदूर परिवार भी बंटाई व नगदी पर खेत लेकर खेती करते हैं। ऐसे किसानों को तीन घंटे तक कतार में लगने पर चार बोरी खाद मिलने से समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। भाजपा नेता प्रो बलिराम मिश्र ने प्रशासन, कृषि विभाग के अधिकारियों व सरकार से किसानों का संकट समय रहते दूर करने का अनुरोध किया है।

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