मान नहीं रहे किसान, प्रतिबंध के बावजूद खेतों में जल रही पराली
डेहरी ऑन सोन खेतों में पराली जलाने पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक के बावजूद किसान अपने खेतों से हार्वेस्टर के द्वारा गेहूं काटने के बाद बचे हुए डंठल को धड़ल्ले से जला रहे हैं। हालांकि लगातार कृषि विभाग अपने स्तर से किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।
संवाद सहयोगी। डेहरी ऑन सोन : खेतों में पराली जलाने पर सरकार द्वारा लगाई गई रोक के बावजूद किसान अपने खेतों से हार्वेस्टर के द्वारा गेहूं काटने के बाद बचे हुए डंठल को धड़ल्ले से जला रहे हैं। हालांकि लगातार कृषि विभाग अपने स्तर से किसानों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा है।
कृषि विशेषज्ञ गांव में जाकर किसानों के बीच चौपाल लगाकर पराली जलाने से हो रहे नुकसान के बारे में किसानों को अवगत करा रहे हैं । अबतक 27 किसानों को विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधा पर रोक लगा दी गई है तथा एक दर्जन से अधिक किसानों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कृषि विशेषज्ञों की माने तो खेतों में पराली जलाने से जहां एक ओर पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं दूसरी ओर किसानों के मित्र कीट जल कर नष्ट हो जाते हैं।
इसके साथ ही खेत का ऊपरी परत जल जाता है, जिससे उर्वरा शक्ति नष्ट हो जाती है। इससे सीधा नुकसान किसानों को है, पर नफा नुकसान देखे बगैर किसान पराली जलाना ही उचित समझ रहे हैं।
हालांकि डेहरी कृषि विभाग के विशेषज्ञों द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से कई किसान इसके प्रति सजग हुए हैं व पराली जमा कर पशु चारे के लिए एकत्रित करने में लगे हैं, पर अधिकतर किसान आज भी डंठल जमा करने के बजाय खेतों में जला रहे हैं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि
खेतों में पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग द्वारा किसानों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से वंचित करने तथा उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया जा रहा है। भलुआड़ी गांव के किसान देवराज शर्मा का पंजीकरण रद कर कार्रवाई की जा रही है। अन्य किसानों पर भी कार्रवाई की जा रही है।