महंगे आलू के बीज ने तोड़ी किसानों की कमर

रोहतास। इस वर्ष आलू के बीज ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। एक तरफ महंगे बीज खरीदकर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 05:49 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 05:49 PM (IST)
महंगे आलू के बीज ने तोड़ी किसानों की कमर
महंगे आलू के बीज ने तोड़ी किसानों की कमर

रोहतास। इस वर्ष आलू के बीज ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी। एक तरफ महंगे बीज खरीदकर बोआई की गई, वहीं दूसरी ओर में एक माह की बोआई के बाद भी अधिकांश बीज में अबतक अंकुरण नहीं आ पाया है। इससे इसबार की खेती चौपट होने की आशंका किसानों को सताने लगी है। यहां उन्नत किस्म के बीज की अनुपलब्धता के चलते लोकल बीज से ही अधिकांश किसान खेती किए हैं। वह भी काफी महंगा मिला है।

बेलोंजा निवासी किसान अवधेश यादव बताते है कि इस वर्ष आलू का बीज 40 से 50 रुपया किलो खरीद कर खेतों में बोआई की गई है। एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी अधिकांश बीज में अंकुरण नहीं हुआ है, जबकि दो से ढाई माह में फसल से आलू खाने लायक निकलने लगता है। कानपुर की मंडी से लाखों रुपए के बीज लाकर खेती किए गए हैं, लेकिन लगता है कि इसबार की खेती पूरी तरह चौपट हो गई है। दारानगर के गोपाल मिश्रा ने बताया कि आलू व लहसुन की खेती से अच्छी खासी कमाई किसानों को होती थी। मेरे खेत में लगाया गया आलू का भी बीज बेकार हो गया है। ब्याज पर कर्ज लेकर आलू व लहसुन के बीज की खरीदारी की है। किसान कहते हैं कि महंगे बीज, खेत की महंगी जोताई और मजदूरी के बाद खेती का यह हाल होगा, तो किसान सड़क पर ही आ जाएंगे। सरकार आलू लहसुन की खेती करने वाले को कोई सुविधा भी नहीं देती है। पिछले साल आलू के बीज दस से 15 रुपए प्रतिकिलो बाजार में उपलब्ध था। अभी बाजार में आलू, प्याज व लहसुन के भाव आसमान छू रहे हैं। बताते हैं कि आलू 35 से 40, लहसुन 120 से 150 रुपए प्रतिकिलो तथा प्याज 60 रुपया किलो बिक रहा है। अबतक नया आलू प्रखंड के बाजारों में बिकने लगता था। मालूम हो कि सोन टीला व सोन के तटीय क्षेत्र में आलू और लहसुन की खेती बहुतायत मात्रा में की जाती है।

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