20 मेगावाट की जगह सासाराम में मिल रही 14 मेगावाट बिजली को

सासाराम शहर की जरूरत 20 मेगावाट की है जिसके अनुपात में फिलहाल 14 मेगावाट बिजली मिल रही है। शहर को पीकआवर में इस जरूरत को पूरा करने के लिए आधा दर्जन फीडरों में रोटेशनवाइज बिजली की आपूर्ति हो रही है। औसतन शहरी फीडरों में 24 घंटे में 18 से 19 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और बदतर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 11:30 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 11:30 PM (IST)
20 मेगावाट की जगह सासाराम में मिल रही 14 मेगावाट बिजली को
20 मेगावाट की जगह सासाराम में मिल रही 14 मेगावाट बिजली को

जागरण संवाददाता,सासाराम:रोहतास। सासाराम शहर की जरूरत 20 मेगावाट की है, जिसके अनुपात में फिलहाल 14 मेगावाट बिजली मिल रही है। शहर को पीकआवर में इस जरूरत को पूरा करने के लिए आधा दर्जन फीडरों में रोटेशनवाइज बिजली की आपूर्ति हो रही है। औसतन शहरी फीडरों में 24 घंटे में 18 से 19 घंटे ही बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति और बदतर है।

सहायक अभियंता विश्वजीत कुमार ने बताया कि शहर में सबसे अधिक खपत दो नंबर करपूरवा फीडर में है, इस फीडर को चलाने के लिए औसतन 6 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ती है। 14 मेगवाट की आपूर्ति से शहर के मिनी फीडर, जीटी फीडर नंबर एक, दो नंबर करपूरवा फीडर, तीन नंबर फीडर, तकिया व गौरक्षणी फीडर में एक साथ चलाना संभव नहीं हो पाता है। दो नंबर करपूरवा फीडर को चलाने के लिए शहर के अन्य दो फीडरों की आपूर्ति बंद करनी पड़ती है। दो नंबर करपूरवा फीडर को छोड़ अन्य शहर के सभी फीडरों को चलाने के लिए औसतन दो से तीन मेगावाट बिजली की आवश्कता पड़ती है। पिछले कुछ दिनों से बिजली की कटौती के चलते शहर से लेकर देहात तक लोग परेशान हैं। यह समस्या कब खत्म होगी, इसका मुकम्मल जवाब बिजली कंपनी के वरीय अधिकारियों के पास भी नहीं है। उपभोक्ता दिन में मेंटेनेंस के नाम पर तो शाम में रोटेशन के तहत बिजली की कटौती से परेशान हो गए हैं। जिला प्रशासन व बिजली कंपनी का दशहरा में शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति का दावा नवरात्रि के समय ही फेल हो गया है। कंपनी के उच्च अधिकारियों की मानें तो यह संकट केवल स्थानीय नहीं है। कोयले के देशव्यापी संकट के कारण बिजली का उत्पादन और आपूर्ति बाधित हो गई है। पूरे प्रदेश में बिजली आपूर्ति की समस्या फिलहाल बरकरार है। यह समस्या कब दूर होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता है। शहरी क्षेत्र में तो मेंटनेंस के नाम पर रोज किसी न किसी इलाके में चार से पांच घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है।

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