बच्चों की आवक से गुलजार हुए शैक्षणिक संस्थान

रोहतास। लगभग 12 माह के बंदी के बाद सोमवार से विद्यालयों में पूरी तरह से शिक्षण कार्य शुरू ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:14 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:14 PM (IST)
बच्चों की आवक से गुलजार हुए शैक्षणिक संस्थान
बच्चों की आवक से गुलजार हुए शैक्षणिक संस्थान

रोहतास। लगभग 12 माह के बंदी के बाद सोमवार से विद्यालयों में पूरी तरह से शिक्षण कार्य शुरू हो गया। कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई प्रारंभ हो गई। ग्रामीण इलाके के विद्यालयों में अधिकतर छात्र बगैर मास्क के ही पढ़ने गए। पूरी तरह से शिक्षण कार्य शुरू होने से स्कूल भी बच्चों की आवक से गुलजार हो गए हैं। बच्चों के चेहरे पर भी खुशी दिखी तथा उनका उत्साह देखते बना। काफी दिनों बाद दोस्तों से मिल वे काफी खुश नजर आए। निजी विद्यालयों में कोरोना गाइडलाइन का पालन होते दिखा। पहले दिन इन कक्षाओं में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम दिखी। किसी-किसी विद्यालय में 20-25 फीसद भी छात्र पढ़ने के लिए नहीं पहुंच पाए थे।

ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर विद्यालयों में बच्चे सामान्य रूप से ही पढ़ने गए। कई बच्चों के चेहरे पर मास्क नहीं था। जबकि शिक्षा विभाग ने 28 फरवरी तक हर हाल में बच्चों की संख्या के आधार पर प्रति छात्र-छात्रा दो-दो मास्क उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। लेकिन वह अभी तक विद्यालयों में पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाया है। यही नहीं न तो सैनिटाइजर की व्यवस्था थी न ही इंफ्रारेड डिजिटल थर्मामीटर की व्यवस्था रही। कक्षा संचालन से पूर्व शैक्षणिक संस्थानों को पूरी तरह से सैनिटाइज्ड करने का भी निर्देश हवा-हवाई रहा। एक से पांचवीं तक की पढ़ाई शुरू होने से छात्र से लेकर अभिभावकों तक ने राहत की सांस ली है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगी। निजी विद्यालयों द्वारा बच्चे को अपने घर से मास्क पहन कर स्कूल आने का निर्देश दिया गया था। बच्चों के चेहरे पर खुशी दिखी, कारण कि लंबे अंतराल के बाद स्कूल गए थे। इस संबंध डीईओ संजीव कुमार ने कहा कि विभागीय गाइडलाइन के आलोक में संचालकों व प्रधानाध्यापकों को कक्षा संचालित करने का निर्देश दिया गया है। जिस संस्थान में गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाएगा, वहां के संचालक या प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण गत वर्ष 23 मार्च से ही स्कूलों को शिक्षण कार्य के लिए बंद कर दिया गया था।

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