कूड़े में गुम हुआ अरमान का अरमान
रोहतास। सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने अनेकों अभियान व कार्यक्रम चला रखा
रोहतास। सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने अनेकों अभियान व कार्यक्रम चला रखा है। लेकिन अभी भी ऐसे बच्चों की संख्या बहुतायत है, जो अभी भी स्कूल से बाहर हैं। किसी न किसी कारण से या तो वह स्कूल से नहीं जुड़े पाए हो या फिर बीच में ही पढ़ाई छोड़ दिए हों, वे कूड़ा चुनने व उससे कुछ कमाने का काम कर रहे हैं, ताकि उनके घर का चूल्हा जल सके। इसी बच्चों में से एक है सासाराम शहर के गोला बाजार का रहने वाला अरमान। जो पढ़ने की बजाए कूड़ों पर फेंके गए पॉलीथिन व अन्य प्लास्टिक को चुनने का काम कर रहा है। जिससे कि उसके घर का चूल्हा जल सके। बहरहाल गरीबी के आगे उसका अरमान भी कूड़ा में गुम गया है।
अरमान की माने तो न तो रहने के लिए घर है न दो रोटी खाने भर पैसा। इसी कूड़ा को चुन कर उससे होने वाली आमदनी से दो रोटी की जुगाड़ होती है। अरमान जैसे जिले में अरमानों की लंबी फेहरिस्त है, जो पढ़ने व खेलने की उम्र में काम करने को विवश हैं। इनके लिए बनाई गई योजना भी रहनुमाओं में इच्छाशक्ति के अभाव होने के कारण निष्फल साबित हो रही है। एमडीएम, छात्रवृत्ति, पोशाक समेत अन्य योजनाएं भी उसे स्कूल से जोड़ने में नाकाम रही है।