कलश स्थापना के साथ आज से शुरू होगा शारदीय नवरात्र

शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की पूजा की तैयारी जिले में पूरी हो गई है। कलश स्थापना के साथ गुरुवार से शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान प्रारंभ होगा। लोगों ने बुधवार को पूरे दिन पूजा सामग्री की खरीदारी की। सात से 14 अक्टूबर तक चलने वाले इस नवरात्र में कोई निराहार तो कोई फलाहार रह मां दुर्गा की आराधना में लीन रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 11:34 PM (IST)
कलश स्थापना के साथ आज से शुरू होगा शारदीय नवरात्र
कलश स्थापना के साथ आज से शुरू होगा शारदीय नवरात्र

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां दुर्गा की पूजा की तैयारी जिले में पूरी हो गई है। कलश स्थापना के साथ गुरुवार से शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान प्रारंभ होगा। लोगों ने बुधवार को पूरे दिन पूजा सामग्री की खरीदारी की। सात से 14 अक्टूबर तक चलने वाले इस नवरात्र में कोई निराहार, तो कोई फलाहार रह मां दुर्गा की आराधना में लीन रहा। व्रती मां के विभिन्न रूपों की पूजा कर मनोवांछित फल प्राप्ति की कामना करेंगे। पहले दिन नवरात्र व्रती मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना करेंगे। आठ दिन का होगा नवरात्र :

इस बार नवरात्र आठ दिन का होगा। नौ अक्टूबर को तृतीय व चतुर्थी तिथि एक दिन होगा। 14 अक्टूबर को नवरात्र का विधिवत समापन होगा, जबकि 15 को दशहरा मनाया जाएगा। आठ दिनों तक देवी श्लोकों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहेगा। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भी पूजा पंडालों व चौक-चौराहों पर भीड़ लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। फिर भी नवरात्र को ले बाजारों में चहल पहल बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा थाना स्तर पर शांति समिति की बैठक कर दुर्गा पूजा को आपसी प्रेम व भाईचारे के अलावा कोविड-19 से संक्रमण से बचाव को ले जारी गाइडलाइन के तहत मनाने का निर्देश भी दिया जाने लगा है। फल से ले पूजा सामग्री तक की खरीदारी लोगों ने की। श्रद्धालु मंदिरों व घरों में पूजा स्थलों की साफ सफाई में दिन भर जुटे रहे। नवरात्र के मद्देनजर फलों के दामों में भी वृद्धि हो गई है। देवी स्थलों पर होगी विशेष पूजा-अर्चना :

ऐतिहासिक शक्तिपीठ मां ताराचंडी धाम, दिनारा के भलुनी स्थित यक्षिणी धाम, तुतला भवानी समेत अन्य देवी स्थलों पर पूरे नवरात्र विशेष पूजा अर्चना होगी। कोरोना संक्रमण से बचाव को ले जारी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए नवरात्र की विशेष पूजा करने की व्यवस्था की गई है। भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। पंडितों की माने तो इस बार मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा, जबकि हाथी पर सवार होकर विदा होंगी। अभिजात मुहु‌र्त्त में भी कलश स्थापित की जा सकती है। सुबह से ही कलश स्थापन का कार्य शुरू हो जाएगा, दोपहर तक जारी रहेगा। कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त :

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गुरुवार को कलश स्थापना की जाएगी। जिसका सबसे खास मुहूर्त सुबह 06.17 मिनट से सुबह 07.07 मिनट तक ही है। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11.51 मिनट से दोपहर 12.38 मिनट के बीच है। इस मुहूर्त में घटस्थापना करना लाभकारी रहेगा। जानकारों की माने तो कलश स्थापना का अन्य मुहूर्त सुबह 06:06 मिनट से 10:03 मिनट पर भी है, जिसकी अवधि 03 घंटे 57 मिनट तक रहेगी। इस बार गुरुवार को घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र और कन्या राशि में चर्तुग्रही जैसे योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन चित्रा वैधृति योग का निषेध होने से कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त में करना भी विशेष फलदायी होगा।

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