लगातार बारिश से जलमग्न हुए खेत, मूंग,व पिपरमिट की फसल बर्बाद

प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जहां किसान परेशान हैं वहीं आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 09:58 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 09:58 PM (IST)
लगातार बारिश से जलमग्न हुए खेत, मूंग,व पिपरमिट की फसल बर्बाद
लगातार बारिश से जलमग्न हुए खेत, मूंग,व पिपरमिट की फसल बर्बाद

संवाद सूत्र, कोचस : रोहतास। प्रखंड क्षेत्र में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते जहां किसान परेशान हैं, वहीं आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। आरा-मोहनियां एनएच 30 का हो रहे चौड़ीकरण के चलते कई नालों के बंद हो जाने से कटियरा, डढ़ांव, बठोरी सहित दर्जन भर से अधिक गांवों में बाढ़ की स्थिति हो गई है। गांव के बधार जल मग्न हो गए हैं, जिससे खेतों में डाले गए धान के बिचडे़ पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं। जबकि कई जगहों पर लगाई गई मूंग व पिपरमिट की फसल भी पानी में डूबकर बर्बाद हो गई है।

डढावं निवासी किसान पप्पू सिंह ,अवध सिंह, अंगद सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह, कटियरा निवासी गब्बर सिंह, लालबाबू सिंह व बठोरी के मदन सिंह एवं नरेंद्र कुमार ने बताया कि एनएच की हो रही चौड़ीकरण के चलते चितावं व डढ़ांव के बीच कई जगहों पर बडे़ बडे़ नालों को बंद कर दिया गया है। जिससे सड़क से दक्षिण तरफ के पानी का निकास पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। इसके चलते सिवान जलमग्न हो गए हैं और खेमों में डाले गए धान के बिचड़े व मूंग तथा पिपरमिट की खेती भी बर्बाद हो गई है। कोरोना संक्रमण व लगातार बढ़ रही महंगाई से किसान वैसे ही तबाह हैं, अब बिचड़ों के नुकसान से किसानों की कमर टूट गई है। किसानों ने एनएचएआइ एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों से तत्काल नाले की सफाई कराने की मांग की है, ताकि बाढ़ का पानी निकल सके। इनसेट :

लगातार बारिश से धान के बिचड़े पर असर संवाद सूत्र, परसथुआ, रोहतास। क्षेत्र में गत एक सप्ताह से रुक-रुककर हो रही बारिश से खेतों में डाले गए धान के बिचड़े पर बुरा असर पड़ा है। किसान रवि मिश्र, राजेश सिंह, अशोक मिश्र, रामअशीष चौधरी, संजय सिंह, सरोज पटेल, अनिल सिंह, बिमलेश दूबे समेत अन्य के अनुसार लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व-यस्त तो है ही, किसानों की चिता भी बढ़ गई है। जो किसान रोहिणी नक्षत्र के शुरू में बिचड़ा डाल चुके हैं, पानी लगने से उसका विकास रुक गया है। वहीं रोहिणी नक्षत्र के अंत में डाले गए बिचड़े सड़ रहे हैं। किसानों के अनुसार बिचड़ा सड़ जाने के चलते दोबारा डालना पड़ेगा।

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