सासाराम नगर परिषद के ईओ को हटाने के लिए पार्षदों ने खोला मोर्चा
रोहतास। सासाराम नगर परिषद के ईओ और मुख्य पार्षद तथा उप मुख्य पार्षद के बीच जारी गतिरोध अब
रोहतास। सासाराम नगर परिषद के ईओ और मुख्य पार्षद तथा उप मुख्य पार्षद के बीच जारी गतिरोध अब भी समाप्त होने की स्थिति में नहीं है। बरसात से पूर्व शहर के चिह्नित 105 नालों की सफाई को ले आपसी टकराहट का मामला अब डीएम धर्मेंद्र कुमार के पास पहुंच गया है। मुख्य पार्षद समेत कई पार्षदों ने पत्र लिख कार्यपालक पदाधिकारी अभिषेक आनंद को हटाने की मांग की है। पार्षदों का कहना कि इनके रहते नगर परिषद क्षेत्र का विकास कार्य नहीं हो सकता है। कोरोना संक्रमण के समय में भी शहर गंदगी से बजबजा रहा है। सैनिटाइज कार्य कहीं नहीं हो रहा है। बरसात आने को है, जलजमाव से निजात पाने के लिए अबतक नाला सफाई कार्य के लिए कार्ययोजना तक नही बनी है। गर्मी के मौसम में हुई बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में हुए जलजमाव दिख रहा है। वहीं ईओ नगर परिषद बोर्ड व सशक्त स्थाई समिति द्वारा नाला सफाई कार्य पर लिए गए निर्णय को भी ताक पर रख रहे हैं।
मुख्य पार्षद कंचन देवी, उप मुख्य पार्षद बिहारी प्रसाद के अलावा सशक्त कमेटी की सदस्य रेखा गुप्ता, शैलेश कुमार, वीरेंद्र चौरसिया, सुनीता देवी धनवंता देवी समेत अन्य पार्षदों ने डीएम को दिए हुए पत्र में कहा है कि ईओ अभिषेक आनंद ने बोर्ड से नाला सफाई के पारित प्रस्ताव को ताक पर रख दिया है। बरसात से पूर्व शहर के चिह्नित 105 नालों की सफाई को ले कोई ठोस पहल नहीं किया जा रहा है। जिससे लोगों का कोपभाजन पार्षदों को होना पड़ रहा है। ईओ शहर के बड़े कुल 29 नालों की सफाई टेंडर के माध्यम से कराने तथा शेष नालों की सफाई नगर परिषद के आंतरिक संसाधनों के माध्यम से कराने के पक्ष में है। मुख्य पार्षद, उप मुख्य पार्षद तथा सशक्त स्थाई समिति के सदस्यों ने डीएम से ईओ को हटाने और उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। पार्षदों ने पत्र में कहा है कि ईओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर नगर परिषद कार्यालय में तालाबंदी कर दी जाएगी। मोर्चा खोले पार्षदों ने ईओ पर शहर में एलईडी लाइट लगा रही कंपनी को गलत तरीके से संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है। कहा कि देखरेख के अभाव में शहर में लगी काफी संख्या में एलईडी लाईट बंद है। इसके अलावा कई गंभीर आरोप भी पार्षदों ने लगाया है। वहीं ईओ अभिषेक आनंद ने पार्षदों के आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह सरकारी राशि का दुरुपयोग नहीं होने देंगे। बताया कि पिछले वर्ष शहर में नाला सफाई के लिए दो करोड़ रुपये का टेंडर होने के बावजूद जल जमाव की समस्या से शहरवासियों को जूझना पड़ा था। ईओ के अनुसार शहर के नालों का उनके स्तर से निरीक्षण किया गया है, जिसमें महज 29 नाला ही टेंडर लायक है। शेष नालों की सफाई कार्य अपने संसाधन के माध्यम से कराया जाएगा।