सासाराम में सिविल कोर्ट के नए भवन का रास्ता साफ

जिला मुख्यालय स्थित सिविल कोर्ट के स्थानांतरण से लेकर उसके भवन निर्माण को ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 10:13 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 10:13 PM (IST)
सासाराम में सिविल कोर्ट के नए भवन का रास्ता साफ
सासाराम में सिविल कोर्ट के नए भवन का रास्ता साफ

रोहतास। जिला मुख्यालय स्थित सिविल कोर्ट के स्थानांतरण से लेकर उसके भवन निर्माण को ले गत कुछ वर्षों से लगाए जा रहे कयास पर अब विराम लग गया है। कचहरी अब दूसरे जगह स्थानांतरित नहीं होगी। काफी प्रयास व खोजबीन के बाद उपयुक्त भूमि न मिलने से परेशान कोर्ट व जिला प्रशासन ने पुराने भवन को तोड़कर उसे वृहद रूप में बनाने का अंतिम रूप से फैसला लिया है। नई बि¨ल्डग जी प्लस फाइव होगा, जिसमें ग्राउंड लेवल पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। सिविल कोर्ट प्रशासन के इस प्रस्ताव पर उच्च न्यायालय ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

शहर के बीचोबीच स्थित सिविल कोर्ट को नए स्थान पर शिफ्ट करने के लिए गत तीन वर्षों से कसरत चल रही थी। शहर से लगभग पांच किमी दूर महरनिया के पास सरकारी भूमि पर शिफ्ट करने के प्रशासनिक पहल पर यहां के वकीलों ने विरोध जताते हुए शहर में ही न्यायालय रखने का आग्रह किया था। वकीलों के आग्रह के आलोक में सिविल कोर्ट प्रशासन ने वर्तमान न्यायालय परिसर के पश्चिमी हिस्से में अवस्थित अस्थायी भवन के अलावा जीटी रोड के उत्तरी हिस्से में अवस्थित सिविल कोर्ट के अधीन कराकट वाले भवन को तोड़ कर जी प्लस फाइव छह मंजिला इमारत बनाने का प्रस्ताव पटना उच्च न्यायालय को कुछ दिन पहले भेजा था। जिस पर उच्च न्यायालय ने अपनी सहमति दे दी है। सूत्रों की मानें तो नए सिविल कोर्ट के भवन निर्माण के लिए पहले से ही निधि का प्रावधान सुरक्षित रखा गया है। कुछ ही महीनों में नए भवन के निर्माण की रूपरेखा धरातल पर उतारने का काम प्रारंभ होने की संभावना है।

बताते चलें कि पहले से ही स्थानीय स्तर पर जीटी रोड पार करने के लिए कचहरी के पास फूट ओवर ब्रिज निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। जिसपर शहर में जीटी रोड के फोर ले¨नग के साथ ही निर्माण

किया जाना है। सूत्रों की माने तो जीटी रोड के उत्तरी भाग में स्थित एसडीओ कैंपस, डीएसपी कार्यालय और खाली पड़े पुराने ट्रेजरी भवन को भी सिविल कोर्ट के अधीन स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने ठुकरा दिया था। पहले उस पूरे हिस्से में नए सिविल कोर्ट की बहुमंजिली इमारत बनाने का का प्रयास किया गया था।

वर्तमान में न्यायिक पदाधिकारियों की संख्या में अचानक हुई वृद्धि से कार्य निष्पादन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पर्याप्त संख्या में कमरा नहीं होने के चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है। यहां तक कि किसी कमरे में एक से अधिक न्यायालय के कार्यालय बनाए गए हैं, तो किसी में दो-दो पदाधिकारी का चेंबर बनाया गया है।

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