संयम, सुरक्षा व ज्ञान ही है एड्स से बचाव का उपाय : उपाधीक्षक
अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस पर मंगलवार को जिले में कार्यक्रमों की धूम रही। विचार गोष्ठी आयोजित कर एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई गई। साथ ही कंडोम बांट असुरक्षित यौन संबंध स्थापित न करने की सलाह दी गई। सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से परिचर्चा आयोजित की गई। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. श्रीभगवान सिंह ने कहा कि एड्स अब लाइलाज बीमारी नहीं रही है।
जागरण संवाददाता, सासाराम: रोहतास। अंतरराष्ट्रीय एड्स दिवस पर मंगलवार को जिले में कार्यक्रमों की धूम रही। विचार गोष्ठी आयोजित कर एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई गई। साथ ही कंडोम बांट असुरक्षित यौन संबंध स्थापित न करने की सलाह दी गई। सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से परिचर्चा आयोजित की गई। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. श्रीभगवान सिंह ने कहा कि एड्स अब लाइलाज बीमारी नहीं रही है। यदि इस पर खुलकर चर्चा की जाए तो इसके प्रसार पर रोक लगाया जा सकता है। मरीजों को निराश होने की भी जरूरत नहीं हैं। उन्हें इलाज के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। बहुत जल्द ही एआरटी सेंटर काम करना शुरू कर देगा। जहां पर खून जांच से लेकर उनके इलाज तक की व्यवस्था मौजूद रहेगी। यही नहीं एचआइवी संक्रमित लोगों को सारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा भी मिलेगा। लोगों को एड्स मरीजों से नहीं बल्कि असुरक्षित यौन संबंध से हमेशा परहेज करना चाहिए।
वहीं डॉ. प्रियमोहन सहाय ने कहा कि संयम, सुरक्षा व ज्ञान ही एड्स से बचाव का उपाय है। यह न तो घृणा करने वाली बीमारी है, न छुआछूत की। इसके रोगियों से हमेशा प्यार व अपनत्व की भावना होनी चाहिए। यह विशेषकर असुरक्षित यौन संबंध व एड्स पीड़ित रोगियों के खून का एक-दूसरे में आदान प्रदान से होता है। इसलिए सूई लेते व यौन संबंध स्थापित करते समय हमेशा सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डॉ. राघवेंद्र सिंह ने कहा दूसरे शहरों में काम करने वाले लोगों को समय- समय पर एचआइवी की जांच करानी चाहिए, ताकि उन्हें पता चल सके कि उनमें एचआइवी पॉजिटिव है या निगेटिव। चालकों व रेड लाइट एरिया में जाने वालों में इस बीमारी के फैलने की संभावना अधिक रहती है। कार्यक्रम में डॉ. प्रियमोहन सहाय, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. पंकज कुमार, परामर्शी डॉ. धर्मदेव सिंह, प्रिया कुमारी, राजेंद्र प्रसाद सिंह समेत अन्य शामिल थे।