शहर में बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को लोग मजबूर

बिजली विभाग राजस्व उगाही के प्रति जितना सजग है उतनी व्यवस्था को लेकर नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:58 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:58 PM (IST)
शहर में बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को लोग मजबूर
शहर में बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को लोग मजबूर

पूर्णिया। बिजली विभाग राजस्व उगाही के प्रति जितना सजग है उतनी व्यवस्था को लेकर नहीं। विभाग अपनी सभी कार्यशैली को स्मार्ट बना रही है, लेकिन धरातल पर कामकाज अब भी आधा-अधूरा ही है। विभाग के तमाम प्रयास के बाद भी लोगों को सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि शहर के कई क्षेत्रों में बांस-बल्ले के सहारे तार खींचकर लोग बिजली जलाने को मजबूर हैं। लेकिन इसके प्रति विभाग उदासीन है। विभागीय अधिकारी जल्द ही सभी जगहों पर पोल लगाने का दावा मात्र कर रही है। शहर के माधोपाड़ा, प्रभात कॉलोनी, शास्त्री नगर, शांति नगर सहित कई क्षेत्र में आज भी लोग बांस-बल्ले के सहारे बिजली जलाने को मजबूर हैं। विभाग की उदासीनता के कारण लोगों की जान खतरे में रहती है। समय-समय पर बांस-बल्ला टूटते रहता है और बिजली तार गिरने से लोगों की जान सांसत में रहती है। वार्ड नंबर 26 माधोपाड़ा में कई ऐसे घर हैं जहां बांस के सहारे तार खींचकर बिजली जलाई जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि बांस पर बिजली का तार लटकने से हमेशा हादसे का डर बना रहता है। वहीं बरसात और आंधी में इसके टूटने का खतरा बना हुआ रहता है। बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए समय-समय पर विभाग द्वारा कई योजनाएं चलाई गई। कई कंपनी बिजली पोल लगाने से लेकर तार बदलने तक का काम कर चुकी हैं। इसके बाद भी बांस-बल्ले के सहारे लोग बिजली जला रहे हैं। ---------------------- शहर के माधोपाड़ा वार्ड नंबर 26 में कई जगहों पर बिजली का खंभा नहीं लगा है। लोग बांस के सहारे बिजली जला रहे हैं। बांस के सहारे जलाए जा रहे बिजली के तार गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती है और लोगों को करंट लगने का भय सताते रहता है। विभाग के अधिकारी को पोल लगाने की जानकारी देने के बाद भी अब तक पोल नहीं लग पाया है।

दीपक दास, स्थानीय ------------------- बांस के सहारे बिजली का तार खींचकर जलाने से माधोपाड़ा मोहल्ला के लोगों को हमेशा करंट लगने का डर रहता है। इससे आंधी-तूफान और बरसात के मौसम में खासी परेशानी होती है। आंधी में बांस पर लटके तार के गिरने एवं टूटने पर स्थानीय लोगों को ही इसे ठीक कराना पड़ता है। इस ओर विभाग ध्यान नहीं दे रही है।

मो. हसन, स्थानीय दुकानदार

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