बैंकों से संदेहास्पद जमा-निकासी पर रहेगी पैनी नजर

पूर्णिया। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंकों में असामान्य जमा-निकासी पर प्रशासन पैनी नजर रखेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 07:17 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 07:17 PM (IST)
बैंकों से संदेहास्पद जमा-निकासी पर रहेगी पैनी नजर
बैंकों से संदेहास्पद जमा-निकासी पर रहेगी पैनी नजर

पूर्णिया। निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंकों में असामान्य जमा-निकासी पर प्रशासन पैनी नजर रखेगी। इस दौरान 10 लाख से अधिक निकासी या जमा होने पर बैंक प्रबंधक तुरंत जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी को सूचना देंगे। साथ ही वैसे बैंक खाते जिसमें पिछले दो माह में एक लाख से अधिक का लेन-देन नहीं हुआ है लेकिन चुनाव प्रक्रिया के दौरान अगर एक लाख से अधिक की जमा निकासी होती है तो बैंक इसकी जानकारी जिलाधिकारी को देंगे। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया है। आयोग द्वारा मिले निर्देश बाद जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी राहुल कुमार ने जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को पत्र लिखकर सभी बैंक प्रत्येक दिन समेकित प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है।

निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्वाचन अवधि के दौरान बैंक से होने वाले संदेहास्पद लेन-देन की जानकारी लेकर उस पर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है। 10 लाख या उससे अधिक की जमा निकासी की सूचना पर जिलाधिकारी आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को आयकर नियमों के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई हेतु सूचित करेंगे। अग्रणी बैंक प्रबंधक को भेजे पत्र में डीएम ने कहा है कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के बैंक खाते में एक ही बैंक खाते से अगर आरटीजीएस के द्वारा राशि का असामान्य स्थांतरण होता है जबकि ऐसे अंतरण का पहले कोई नजीर नहीं रहा हो तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को देंगे। वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर उपलब्ध अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल हलफनामे में उल्लेखित अभ्यर्थियों को उनके पति, पत्नी या उनके आश्रितों के बैंक खाते से एक लाख से अधिक की नकदी की जमा या निकासी की भी जानकारी देनी है।

निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राजनीतिक दल के खाते में एक लाख से अधिक नकदी की जमा या निकासी की भी सूचना प्रशासन को देना है। इसके अलावा अन्य कोई संदेहास्पद नकदी के लेन-देन की जानकारी बैंक जिला प्रशासन को देंगे।

जिला निर्वाचन अधिकारी बैंकों से प्राप्त रिपोर्ट को विश्लेषण के लिए व्यय प्रेक्षक को सौंपेंगे। यदि उसमें जांच की आवश्यकता होगी तो उड़नदस्ते के माध्यम से या आयकर विभाग की अन्वेषण निदेशालय के जरिए उसकी जांच की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि निर्वाचन प्रक्रिया में धन का प्रयोग तो नहीं हुआ है। जिलाधिकारी ने सभी बैंकों को प्रतिदिन दैनिक प्रतिवेदन संध्या में निश्चित रूप से देने का निर्देश दिया है ताकि आयकर विभाग के नोडल पदाधिकारी को आयकर नियमों के अंतर्गत आवश्यक कार्यवाही हेतु सूचित किया जा सके।

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