पूर्णिया नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक की महकमे में भी रही है गहरी पैठ

नगर निगम नियोजन इकाई में प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह की विभाग में भी गहरी पैठ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 08:20 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 08:20 PM (IST)
पूर्णिया नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक की महकमे में भी रही है गहरी पैठ
पूर्णिया नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक की महकमे में भी रही है गहरी पैठ

पूर्णिया। नगर निगम नियोजन इकाई में प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह की विभाग में भी गहरी पैठ रही है। यही कारण है कि हर नियोजन में उनकी ही प्रतिनियुक्ति होती रही है। फिलहाल चयन में फर्जीवाड़े मामले की जांच में कठघरे में आए प्रतिनियुक्त शिक्षक पर कार्रवाई तय मानी जा रही है । जांच में यह बात सामने आ गई है कि चार ऐसे अभ्यर्थियों का चयन भी कर लिया गया, जिसने काउंसलिग में भाग ही नहीं लिया था। शातिराना अंदाज में वास्तविक तस्वीर बदल यह खेल खेला गया था। इसमें मूल प्रमाण पत्र तक स्कैन कर लगाया गया था। जांच रिपोर्ट में यह बात भी जाहिर हो गई है कि यह खेल नियोजन के लिए नगर निगम में प्रतिनियुक्त शिक्षक संजय सिंह की मिलीभगत से खेला गया था। फिलहाल पूरी जांच रिर्पोट शिक्षा, विभाग पटना को भेज दी गई है। अब विभागीय निर्देश के आलोक में कार्रवाई होनी है। बता दें कि सुपौल जिले की पिकी कुमारी, अररिया आरएस निवासी आरती कुमारी,किशनगंज कोचाधामन से अनिल कुमार दास और सहरसा के रामफल साह ने नगर निगम नियोजन इकाई में आवेदन किया था। इधर जब काउंसिलिग की तिथि तय हुई तो अन्य स्थानों पर चयन के कारण वे लोग यहां काउंसिलिग में भाग नहीं लिया। इसके बावजूद जब चयन सूची एनआइसी पर डाली गई तो उन लोगों का नाम इसमें शामिल था। यह देख चारो अभ्यर्थी भौचक रह गए और दूसरे स्थान पर हुए चयन भी रद हो जाने के भय से चारों ने नगर आयुक्त को इस संदर्भ में आवेदन दिया। चारों अभ्यर्थियों का आरोप था कि बिना काउंसिलिग में भाग लिए ही उन लोगों का नाम चयन सूची में शामिल कर लिया गया है। जब इसकी जांच शुरु हुई तो इस मामले में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। चयन सूची में शामिल इन अभ्यर्थियों के आवेदन में तस्वीर ही बदल दी गई थी। साथ ही काउंसिलिग में आधार कार्ड लेने की अनिवार्यता के बावजूद जान बूझकर इसकी अनदेखी की गई थी। जानकारी के अनुसार प्रतिनियुक्त शिक्षक कुछ हद तक अपनी कार्यकुशलता से विभागीय अधिकारियों के बीच अपनी पैठ रखते हैं। अतिरिक्त समय में भी उनका कार्यालय आना-जाना लगा रहा है।

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