निबंधन कार्यालय के दो कंप्यूटर आपरेटरों पर मेहरबान है निबंधन विभाग

राजीव कुमार पूर्णिया पूर्णिया निबंधन कार्यालय में वैसे तो आधे दर्जन से अधिक कंप्यूटर आपरेटर हैं लेकिन निबंधन विभाग दो कंप्यूटर आपरेटरों में ज्यादा मेहरबान है। इनके ऊपर विभाग की मेहरबानी इस बात से भी जगजाहिर है की विभाग द्वारा सभी कंप्यूटर आपरेटरों का यहां से जहां तहां तबादला कर दिया गया लेकिन इन दोनों पर विभाग की मेहरबानी अब तक बरस रही है और ये दोनों कंप्यूटर आपरेटर अपने पद पर बने हुए हैं बल्कि काम भी कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 12:02 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:02 AM (IST)
निबंधन कार्यालय के दो कंप्यूटर आपरेटरों पर मेहरबान है निबंधन विभाग
निबंधन कार्यालय के दो कंप्यूटर आपरेटरों पर मेहरबान है निबंधन विभाग

पूर्णिया। पूर्णिया निबंधन कार्यालय में वैसे तो आधे दर्जन से अधिक कंप्यूटर आपरेटर हैं, लेकिन निबंधन विभाग दो कंप्यूटर आपरेटरों में ज्यादा मेहरबान है। इनके ऊपर विभाग की मेहरबानी इस बात से भी जगजाहिर है की विभाग द्वारा सभी कंप्यूटर आपरेटरों का यहां से जहां तहां तबादला कर दिया गया लेकिन इन दोनों पर विभाग की मेहरबानी अब तक बरस रही है और ये दोनों कंप्यूटर आपरेटर अपने पद पर बने हुए हैं बल्कि काम भी कर रहे हैं। जबकि इनका भी एक कार्यालय में काम करने की समय सीमा पूरी हो चुकी है। ये दोनों कंप्यूटर आपेरटर जिनके ऊपर निबंधन विभाग मेहरबान है उनमें आपरेटर मनीष कुमार एवं बबलू कुमार शामिल है। बताया जाता है की पूर्णिया निबंधन कार्यालय में

जितने भी तरह का खेल खेला जाता है उसमें इन दोनों कंपयूटर आपरेटरों का अहम राल रहता है। किस जमीन का निबंधन किस श्रेणी में होगा तथा इसके लिए क्या करना होगा यह दोनों ही तय करते हैं। निबंधन कार्यालय में भी इस बात की चर्चा है की ये दोनों पूर्णिया निबंधन कार्यालय के आंख एवं कान है। इनकी कही हुई हर बात का पालन किया जाता है। बताया जाता है कि निबंधन कार्यालय में सरकारी राजस्व का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है। यहां

व्यवसायिक जमीन को आवासीय एवं आवासीय जमीन को कृषि योग्य जमीन बताकर सरकारी राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। हाल के दिनों में इसमें इतनी ज्यादा संख्या में वृद्धि

हुई है कि अब यह चौक चौराहों पर होने वाली चर्चा तक में शामिल हो गया है। जिस जमीन के निबंधन पर है रोक उसका भी हो रहा है निबंधन बताया जाता है की निबंधन विभाग के कंप्यूटर में जिस जमीन की बिक्री पर रोक लगी है उसका भी खुलेआम निबंधन किया जा रहा है। निबंधन की अनुमति तब दी जाती है जब इसके एवज में चढ़ावा ले लिया जाता है। बताया जाता है की हर दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जब जमीन का निबंधन कराने के लिए लोग निबंधन कार्यालय पूर्णिया पहुंचते हैं तो उन्हें बताया जाता है की कंप्यूटर में इस जमीन की बिक्री पर रोक लगी हुई है। यह सुनते ही जमीन की खरीद बिक्री के लिए पहुंचे लोग परेशान हो जाते हैं और इसका फायदा

वहां के कंप्यूटर आपरटेर द्वारा जमकर उठाया जाता है। निबंधन विभाग द्वारा निबंधन पर रोक की बात तो बताई जाती है लेकिन किस कारण रोक है इसकी जानकारी उनके द्वारा नहीं दी जाती है। बाद में जब सब कुछ तय हो जाता है तो निबंधन कर दिया जाता है। बताया जाता है की निबंधन विभाग के कंप्यूटर के आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं की कितनी बड़ी संख्या में जमीन के भूखंड पर रोक रहने के बाद भी उसका निबंधन कर दिया गया है। यह सब कार्य पैसा फेको तमाशा देखो की तर्ज पर किया जाता है।

जीरोमाइल की जमीन की जांच करने वाले कर्मी को 28 को ही कर दिया गया था विरमित

बताया जाता है की जीरोमाइल के जिस जमीन का निबंधन 29 जुलाई को किया गया है उसका निरीक्षण जिस कर्मी के द्वारा किया गया था उसका स्थानांतरण जहानाबाद होने के बाद 28 जुलाई को ही विरमित कर दिया गया था। इसके बाद भी उसके रिपोर्ट के आधार पर 29 को निबंधन का कार्य किया गया। सवाल यह उठ रहा है की जब निरीक्षण करने वाला कर्मी एक पहले विरमित हो गया तो उसकी आईडी लाक होने के बाद फिर निबंधन एक दिन बाद कैसे किया गया।

निबंधन कार्यालय में वसूली का मामला निगरानी के पास भी पूर्णिया निबंधन कार्यालय में जमीन निबंधन में पैसे के लेन देन का खेल जिस तरह से लगातार खेला जा रहा है उसको लेकर शिकायत निगरानी के पास भी पहुंची है। तीन आवेदकों ने लिखित रूप से शपथ पत्र दायर कर पूर्णिया निबंधन कार्यालय में निबंधन के एवज में मोटी रकम मांगने का आरोप लगाया है। इस आरोप का निगरानी की टीम अपने स्तर से सत्यापन भी कर रही है। अगर निगरानी का पूर्णिया में अगला निशाना निबंधन कार्यालय हो तो यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी।

कोट दो कंप्यूटर आपरेटरों का तबादला क्यों नहीं हुआ इसकी जानकारी नहीं है। इस मामले को खुद देखेंगे। जब सबका यहां से तबादला हो गया तो फिर ये दो आपरेटर कैसे बने हुए है। - सुशील कुमार सुमन, सहायक निबंधन महानिरीक्षक, पूर्णिया

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