पूर्णिया में रसोइया को चार वर्ष बाद भी नहीं मिला मानदेय

पिछले चार वर्षों से मध्यविद्यालय सिमड़ा में रसोइया के पद पर नियुक्त महिला को चार साल बाद भी मानदेय नहीं मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 06:22 PM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 06:22 PM (IST)
पूर्णिया में रसोइया को चार वर्ष बाद भी नहीं मिला मानदेय
पूर्णिया में रसोइया को चार वर्ष बाद भी नहीं मिला मानदेय

पूर्णिया। पिछले चार वर्षों से मध्यविद्यालय सिमड़ा में रसोइया के पद पर नियुक्त महिला को चार साल बाद भी मानदेय नहीं मिला है। प्रधानाध्यापिका सरिता देवी का कहना है कि वह उनके यहां नियुक्त ही नहीं है

। इस संबंध में रसोइया रूपा देवी ने बताया कि उसकी नियुक्ति 26 जुलाई 2017 को तत्कालीन प्रधानाध्यापक गोविद झा के समय शिक्षा समिति के द्वारा विधिवत प्रस्ताव पारित कर प्रस्ताव संख्या पांच के तहत खाली पडे़ दो रसोइया की नियुक्ति की गई । जिसमें गांव के ही सुधीर मंडल पिता गेबा मंडल एवं रूपा देवी पति राजकुमार मंडल की नियुक्ति हुई । तब से वे इस विद्यालय में कार्य कर रहे हैं। पूर्व प्रधानाध्यापक के गबन के मामले में हटने के बाद अब सरिता देवी प्रधानाध्यापिका हैं, अब इनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि वह रसोइया हैं ही नहीं।

उन्होंने कहा कि जब वह रसोईया नहीं है, तब किस हैसियत से पिछले चार वर्षों से उसका मानसिक एवं आर्थिक शोषण किया जा रहा है । वह हमेशा ही प्रधान एवं शिक्षा समिति के यहां मानदेय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है, परंतु उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। वह पिछले चार वर्षों से आधा पेट खाकर विद्यालय में सेवा दे रही हैं। इधर मंगलवार को प्रधानाध्यापिका सरिता देवी ने बताया कि उनके समय रूपा देवी ने कभी खाना भी नहीं बनाया है। ठीक इसी तरह शिक्षा समिति के अध्यक्ष सह उपमुखिया संतोष कुमार जायसवाल ने बताया कि उनके द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर साधन सेवी को रिपोर्ट सौंप दी गई थी, परंतु उनकी लापरवाही के कारण आज तक उसे दौड़ाया जा रहा है। कुल मिलाकर पिछले चार वर्षों से अपनी मजदूरी छोड़ महिला विद्यालय की सेवा में लगी रही, परंतु किसी ने उसे नहीं बताया कि उसकी विधिवत नियुक्ति नहीं हुई है, या फिर वह यहां काम नहीं करे । देखें प्रसाशन किस प्रकार इस गरीब महिला के साथ न्याय करता हैं।

कोट : रूपा देवी की नियुक्ति विधिवत नहीं हो पाई है। बिना आदेश लिए ही उसकी नियुक्ति कर दी गई है, जो नियम के खिलाफ है।

घीरेंद्र कुमार, साधनसेवी, बीआरसी रूपौली ।

chat bot
आपका साथी