राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने में वल्लभ भाई पटेल की रही महत्वपूर्ण भूमिका: कुलपति
पूर्णिया। देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री गृहमंत्री लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंत
पूर्णिया। देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती पूर्णिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के प्रांगण में कुलपति प्रो. राजनाथ यादव की अध्यक्षता में मनाई गई। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि देश की आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल की पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। यही कारण है कि उनकी जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था। सरदार पटेल आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड़ में हुआ था। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। उन्होंने महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया। 1918 में खेड़ा संघर्ष में बड़ा योगदान-- स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 के खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व भी किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देसी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलय करके भारतीय एकता का निर्माण किया। कुलपति ने बताया कि नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया। जिसे स्टैचू ऑफ यूनिटी नाम दिया गया है। कुलपति ने यह भी बताया कि किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे।
बाद में कुलपति ने पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, एनएसएस स्वयंसेवकों एवं विद्यार्थियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रामदयाल पासवान ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया।
इस मौके पर विवि के वित्तीय परामर्शी इंद्र कुमार, प्रभारी कुलसचिव डॉ. पटवारी यादव, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रामदयाल पासवान, उप कुलसचिव प्रशासन डॉ जेपी एन विकर्तन, उप कुलसचिव शैक्षणिक डॉ. मनोज कुमार, पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मोहम्मद कमाल, पूर्व डीन साइंस डॉ. सीके यादव, सहायक कुलसचिव डॉ. मनीष कुमार सिंह, रजनीश कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक उपस्थित थे।