पूर्णिया में नदियां अब भी शांत, 24 घंटे कार्य करने लगा विभाग का कंट्रोल रुम
जिले से गुजरने वाली नदियां फिलहाल शांत है। तत्काल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। यद्यपि कटाव ने जरूर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है।
पूर्णिया। जिले से गुजरने वाली नदियां फिलहाल शांत है। तत्काल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। यद्यपि कटाव ने जरूर लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बायसी अनुमंडल क्षेत्र में कई जगह कटाव के कारण अब तक तीन दर्जन से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। इधर बाढ़ नियंत्रण विभाग का कंट्रोल रुम गत 15 जून से ही 24 घंटे कार्य करने लगा है। तटबंधों की निगहबानी भी शुरु कर दी गई है।
बता दें कि पूर्णिया जिले का बायसी अनुमंडल क्षेत्र बाढ़ से ज्यादा प्रभावित होता है। इस परिक्षेत्र से ही महानंदा, परमान, कनकई, दास व बकरा नदी गुजरती है। पंच दुलारी कही जाने वाली यह नदी हर वर्ष जमकर तबाही भी मचाती है। इतना ही नहीं खासकर महानंदा, परमान व कनकई के कटाव से इस परिक्षेत्र का भूगोल भी लगातार बदलता रहा है। गत डेढ़ दशक में दो दर्जन से अधिक गांवों का अस्तित्व कटाव के कारण मिट चुका है। हर बाढ़ कटाव निरोधी कार्य के नाम पर करोड़ों व्यय भी होते हैं, लेकिन इसका समुचित समाधान नहीं हो पाता है। इतना नहीं नदियों में उफान आते ही लगभग पूरा परिक्षेत्र बाढ़ की चपेट में आ जाता है। कई गांव टापू बन जाते हैं तो कई गांवों के लोगों को पलायन कर उंचे स्थलों पर शरण लेना पड़ता है। लगभग दो से ढाई माह तक लोगों को बांधों व सड़कों पर समय बीताना पड़ता है। इसके अलावा धमदाहा व रुपौली प्रखंड क्षेत्र में कोसी व कारी कोसी का कहर टूटता है। रुपौली में फिलहाल कोसी के कटाव से स्थिति विकट बनी हुई है। फिलहाल अभी से विभाग का कंट्रोल रुम कार्य करने लगा है। इसमें 24 घंटे एक कनीय अभियंता के साथ लिपिक की डयूटी लगाई गई है। इसमें नदियों के जलस्तर के साथ तटबंधों की स्थिति की सतत रिर्पोट ली जा रही है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार फिलहाल इस परिक्षेत्र में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।