प्री ट्रायल से पहले नहीं हो रहा जब्त मादक पदार्थ का डिस्पोजल

सीमांचल में सीमावर्ती क्षेत्र से मादक पदार्थ तस्करी को लेकर तस्करों की सक्रियता तो रहती है लेकिन ऐसे मामले को नियम के अनुसार निष्पादित करने में पुलिस लापरवाह बनी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Mar 2021 10:55 PM (IST) Updated:Sat, 20 Mar 2021 10:55 PM (IST)
प्री ट्रायल से पहले नहीं हो रहा जब्त मादक पदार्थ का डिस्पोजल
प्री ट्रायल से पहले नहीं हो रहा जब्त मादक पदार्थ का डिस्पोजल

पूर्णिया। सीमांचल में सीमावर्ती क्षेत्र से मादक पदार्थ तस्करी को लेकर तस्करों की सक्रियता तो रहती है लेकिन ऐसे मामले को नियम के अनुसार निष्पादित करने में पुलिस लापरवाह बनी हुई है। तस्करी के दौरान मादक पदार्थ जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है। पुलिस द्वारा जब्त मादक पदार्थ को सुरक्षित रखना पुलिस के लिए चुनौती होती है। मालखाना में जब्त मादक पदार्थ को अधिक दिनों तक रखने पर वह नष्ट होने की संभावना रहती है और जिसका लाभ अभियुक्त को मिलता है। साक्ष्य नष्ट होने से पूर्व जब्त मादक पदार्थ का प्रमाणीकरण कर दंडाधिकारी की मौजूदगी में प्री ट्रायल से पहले विनष्ट करने का न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।

सीमांचल के चारों जिला पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जिला में ऐसे 163 मामले प्री ट्रायल से पूर्व दंडाधिकारी नियुक्त कर मादक पदार्थ का प्रमाणीकरण कर विनष्टीकरण की प्रक्रिया लंबित है। इसमें सबसे अधिक मामला पूर्णिया जिला में 67, अररिया में 54, कटिहार में 26 और किशनगंज जिला में 16 मामला है। लंबित मामले में से पूर्णिया पुलिस द्वारा निष्पादन की प्रक्रिया कुछ आगे बढ़ रही है। वहीं अन्य जिला में पुलिस प्रक्रिया बिल्कुल शिथिल है। पूर्णिया पुलिस द्वारा 67 मामले में 21 मामले का प्रदर्श विनष्ट करने के लिए प्रतिवेदन न्यायिक दंडाधिकारी को भेजा गया है। इसमें छह मामले प्रमाणीकरण की कार्रवाई हो चुकी है। वहीं 9 मामलों में प्रमाणीकरण और फोटोग्राफी के बाद न्यायालयों के प्रदर्शों के निष्पादन के लिए अधियाचना भेजी गई। इसमें से एक मामले के प्रदर्श के निष्पादन के लिए न्यायालय से अब तक आदेश प्राप्त हुआ और मादक पदार्थ निष्पादन के लिए ड्रग डिस्पोजल कमेटी के लिए अधियाचना भेजी गई है। इसके अलावा कटिहार में लंबित मामले में एक भी मामले के निष्पादन के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा गया। अररिया से एक और किशनगंज से सबसे अधिक 16 लंबित मामले में 15 मामले में न्यायिक दंडाधिकारी को कमेटी गठन का प्रस्ताव भेजा गया है।

कमेटी के मौजूदगी में होना है निष्पादन::

न्यायालय के निर्देश के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई के निर्देश पर पुलिस द्बारा न्यायिक दंडाधिकारी के पास भेजे गए प्रस्ताव बाद एक कमेटी के गठन का आदेश जारी होता है। कमेटी के सदस्यों की मौजूदगी में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर जब्त प्रदर्श को नष्ट करना होता है। कमेटी का रिपोर्ट पर ही मामले में अभियुक्त पर ट्रायल चलता है। ताकि मालखाना में रखे-रखे मादक पदार्थ के नष्ट होने पर किसी तरह का लाभ अभियुक्त को ना मिल सके। कोट के लिए:-

मादक पदार्थ को न्यायिक दंडाधिकारी के निर्देश पर कमेटी की मौजूदगी में विनष्टीकरण के लिए सभी जिला के पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है।

सुरेश प्रसाद चौधरी, आइजी

----------------------

chat bot
आपका साथी