साल भर बाद भी पैक्स से किसानों को नहीं मिला धान का पैसा

सरकार ने एक नवंबर से पैक्सों के माध्यम से किसानों की धान खरीद का निर्देश दिया है। इसकी तैयारी भी चल रही है। इस बीच पैक्सों एवं व्यापार मंडल की आडिट भी कराई गई है लेकिन किसान पैक्सों की भुगतान व्यवस्था को लेकर सशंकित हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:01 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:01 PM (IST)
साल भर बाद भी पैक्स से किसानों को नहीं मिला धान का पैसा
साल भर बाद भी पैक्स से किसानों को नहीं मिला धान का पैसा

पूर्णिया। सरकार ने एक नवंबर से पैक्सों के माध्यम से किसानों की धान खरीद का निर्देश दिया है। इसकी तैयारी भी चल रही है। इस बीच पैक्सों एवं व्यापार मंडल की आडिट भी कराई गई है लेकिन किसान पैक्सों की भुगतान व्यवस्था को लेकर सशंकित हैं। कई किसानों का पिछले साल के धान का भुगतान पैक्सों द्वारा अभी तक नहीं किया जा सका है। केनगर प्रखंड के रहुआ पंचायत के एक दर्जन से अधिक किसान हैं जिनका पिछले साल का लाखों रुपये का भुगतान लंबित है। किसानों का कहना है कि एक तो पैक्सों में देर से धान की खरीद शुरू होती है तथा भुगतान भी समय पर नहीं होता है। हालांकि जिला सहकारिता प्रसार पदाधिकारी का कहना है कि पैक्सों में धान खरीद से लेकर उसके भुगतान की पूरी प्रक्रिया आनलाइन कर दी गई है। यह प्रक्रिया पारदर्शी है। किसी का भुगतान नहीं रोका जा सकता है।

भुगतान में देरी से परेशान होते हैं किसान

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प्रक्रियागत जटिलता के कारण पैक्सों से किसानों को तुरंत भुगतान नहीं हो पाता है। पैक्सों में धान अधिप्राप्ति से लेकर किसानों को पेमेंट मिलने में कई दिन लग जाते हैं। जबकि किसानों को तुरंत नकदी की दरकरार होती है ताकि वे दूसरी फसल के लिए खाद-बीज सहित जरूरत के अन्य साधन जुटा सकें। आनलाइन निबंधन के बाद किसान पैक्सों में धान बेचने जाते हैं। धान में नमी आदि की जांच की बाद उसकी धान खरीदी जाती है। इसमें किसानों के धान के वजन का भी नुकसान झेलना पड़ता है। उसके बाद उसका वेरिफिकेशन प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा किया जाता है। जिसके बाद किसानों के खाते में पीएफएमएस के माध्यम से भुगतान किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन से पांच दिन लग जाते है जिससे भुगतान में विलंब होता है। इससे किसान पैक्स के बजाय बाजार में ही धान बेच लेते हैं।

किसानों का पिछले साल का भुगतान है लंबित

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केनगर प्रखंड के रहुआ पंचायत के लगभग एक दर्जन किसानों ने बताया कि उनका पिछले साल का पैक्सों में लाखों रुपये का भुगतान लंबित है। रहुआ पंचायत के कल्याणपुर गांव के किसान लक्ष्मी प्रसाद यादव, बालो महतो, रविद्र प्रसाद, जनार्दन यादव, मनोरंजन यादव आदि ने बताया कि पिछले साल उन लोगों ने 400 क्विटल से अधिक धान पैक्सों को दिया है जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। बताया कि उन लोगों का करीब आठ लाख पैक्सों पर बकाया है। पैक्सों में कहा जाता है कि रकम आने के बाद भुगतान किया जाएगा। किसानों ने बताया कि एक तो पैक्सों में देर से धान की खरीद शुरू होती है जिससे अधिक लाभ नहीं मिल पाता है। दूसरी फसल लगाने के लिए पैसे की जरूरत होती है जिस कारण ओने पौने दाम में बाजारों में धान बेचना पड़ता है। साथ ही पैक्सों में भुगतान की प्रक्रिया भी जटिल है जिस कारण तुरंत पैसा नहीं मिल पाता है। विदित हो कि हाल ही दूसरे जिले के किसान भी पैक्सों में लंबित भुगतान का मामला लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी पहुंचे थे।

48 घंटे में सरकार ने भुगतान का दिया है निर्देश

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पैक्स में धान बेचने वाले किसानों को सरकार ने 48 घंटे में भुगतान का निर्देश दिया है। बावजूद किसानों का साल भर से बकाया रहने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इस साल सरकार ने धान की अधिप्राप्ति का कार्य चरणबद्ध तरीके से कराने का निर्देश दिया है। साथ ही 48 घंटे के अंदर किसानों को भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस बार एक नवंबर से 31 जनवरी 2022 तक किसानों से धान की खरीदारी की जाएगी। जिले में इस बार 251 पैक्स एवं 14 व्यापार मंडल सहित 265 सहकारिता प्रतिष्ठानों के माध्यम से खरीद की तैयारी की जा रही है।

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