पूजा और मेला के लिए प्रसिद्ध है ठाकुरबाड़ी

पूर्णिया। तपोवन नाम से जाना जाने वाला ततमा टोला स्थित ठाकुरबाड़ी में भव्य पूजा और मेला के लिए

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:23 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:23 PM (IST)
पूजा और मेला के लिए प्रसिद्ध है ठाकुरबाड़ी
पूजा और मेला के लिए प्रसिद्ध है ठाकुरबाड़ी

पूर्णिया। तपोवन नाम से जाना जाने वाला ततमा टोला स्थित ठाकुरबाड़ी में भव्य पूजा और मेला के लिए अलग पहचान है। यहां पर इस बार पंडाल विशाल नहीं बनाया जाएगा। कोरोना के कारण बाहर से कारीगर भी नहीं आ रहे हैं और आर्थिक अड़चन भी है। यहां अयोध्या से साधु संत आ रहे हैं। दस दिन यहां रहकर पूजा अर्चना करेंगे। देश भर से विभिन्न मठों से साधु संत यहां पूजा के लिए पहुंचते हैं। यहां का मेला काफी लोकप्रिय है। मेला और पारंपरिक पद्धति से पूजा के लिए गोकुल ठाकुरबाड़ी की अलग पहचान है।

मंदिर का इतिहास -

श्रीराम जानकारी गोकुल ठाकुरबाड़ी तपोवन 21 बीघा में फैला हुआ है। भव्य आयोजन के लिए अलग पहचान है। तपोवन में मां जानकारी का मंदिर है जो 75 से 80 वर्ष पुराना है। यह न्यास बोर्ड के अंतर्गत आता है।

मंदिर की विशेषता -

ठाकुरबाड़ी दुर्गा मंदिर में संगमरमर की मां दुर्गा की मूर्ति स्थाई रूप में प्रतिष्ठापित की गई है। यह मूर्ति काफी बड़ी और भव्य है। इसके अलावा छोटी -छोटी कई देवी -देवताओं की प्रतिमा बन रही है जिसका दशमी के बाद विसर्जन किया जाता है। पूजा वैदिक विधि -विधान से होती है।

प्रतिमा की विशेषता -

जयपुर से सात फीट की संगमरमर की मां दुर्गा की मूर्ति मंगाकर उसकी स्थापना 2003 में कई थी। इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की प्रतिमा स्थापित की गई है। जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई है। गोकुल ठाकुरबाड़ी न्यास बोर्ड के अंतर्गत 51 सदस्यों की संचालन समिति बनायी गई है।

क्या कहते हैं पुरोहित

यहां वैदिक रीति से मां दुर्गा के नौ रूपों के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। पुरोहित महाराज मुरारी ने बताया कि महंथ प्रेम दास महामंडेलेश्वर महाराज के सानिध्य में पूजा होती है। अयोध्या से पंडित यहां पधार रहे हैं।

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