सरकारी अस्पतालों में भी होगा सुरक्षित प्रसव, वांडर एप करेगा मदद
पूर्णिया। जिले में वांडर एप के माध्यम से अब सुरक्षित प्रसव संभव हो सकेगा। उक्त एप के संचालन के
पूर्णिया। जिले में वांडर एप के माध्यम से अब सुरक्षित प्रसव संभव हो सकेगा। उक्त एप के संचालन के लिए जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया गया है। ये मास्टर ट्रेनर अब प्रखंडों में एएनएम को प्रशिक्षण दे रहे हैं। सीएस एसके वर्मा ने बताया कि वांडर एप संस्थागत प्रसव के लिए काफी सुरक्षित है। जिले में जल्द इसका लाभ मरीजों को मिलने लगेगा। एप पर एक लाख महिलाओं का डेटा रहेगा अपलोड
दरअसल वांडर एप पर एक लाख गर्भवती महिलाओं का डेटा अपलोड किया जा सकता है। महिला की बीमारी, समस्या आदि सभी तरह की जानकारी इस पर उपलब्ध होगी। केस हिस्ट्री के साथ गर्भवती महिला की सारी जानकारी इस पर दर्ज होगी। इससे गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की निगरानी करने में आसानी होगी। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सुविधा मुहैय्या कराया जाएगा। किसी भी तरह की जटिलता की स्थिति में तुरंत उच्च मेडिकल संस्थान से चिकित्सकीय सलाह ली जाएगी। सरकारी अस्पतालों में 77 हजार महिलाओं ने कराया प्रसव
जिले के सभी सरकारी अस्पताल में 70 से 80 हजार तक प्रसव होता है। इसको बढ़ाकर एक लाख तक करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकारी अस्पतालों में पिछले वर्ष 77 हजार गर्भवती महिलाओं ने प्रसव कराया। लेकिन जिले में जच्चा -बच्चा मृत्यु दर काफी अधिक है। एक हजार में 52 नवजात की मौत प्रसव के दौरान हो जाती है। पर इस वांडर एप के माध्यम से सुरक्षित प्रसव के साथ जच्चा व बच्चा दोनों की सुरक्षा आसान हो सकेगी। संस्थागत प्रसव को बढ़ाने में भी एप कारगर साबित होगा। एप कैसे करेगा काम
गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकीय और लैब रिपोर्ट एक यूनिक कोड के साथ एप में सुरक्षित रहती है। संबंधित महिला की रिपोर्ट नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रहेगी तथा मोबाइल से यह कनेक्ट रहेगा। गर्भवती महिला आपात स्थिति में जैसे ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचेगी तो मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मी वंडर एप से उसकी केस हिस्ट्री हासिल कर लेंगे। साथ ही उच्च चिकित्सा संस्थान को भी अलर्ट मैसेज चला जाएगा जिससे तत्काल इलाज और मार्गदर्शन उपलब्ध होगा। इससे मौके पर मौजूद चिकित्सक और एएनएम के लिए महिला का उपचार करने में मददगार साबित होगा। जटिलता होने पर उच्च मेडिकल संस्थान से सलाह ली जा सकती है या फिर समय पर रेफर किया जा सकता है।