ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं ने दिया भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य

पूर्णिया। ग्रामीण क्षेत्रों में चैती छठ पूजा श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है। शुक्रवार को नहाय-खाय

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:41 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:41 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं ने दिया भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य
ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं ने दिया भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य

पूर्णिया। ग्रामीण क्षेत्रों में चैती छठ पूजा श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुए चैती छठ को लेकर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया गया। अब सोमवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य के साथ यह पर्व संपन्न हो जाएगा।

हरदा संस के अनुसार अस्तचलागामी सूर्य भगवान को श्रद्धालुओं ने रविवार को अ‌र्घ्य दिया। इस अवसर पर हरदा कोसी घाट, चूनापुर घाट, बक्शा घाट, फासिया घाट, बिक्रमपट्टे घाट में पूजन हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सोमवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य को लेकर क्षेत्र में भक्ति का माहौल बना हुआ है। व्रतियों द्वारा गंगेली, मजरा, सहरा, सतकोडरिया, गोआसी, रहुआ,चू नापुर, हरदा, कबैया, लालगंज, मरंगा उफरैल आदि जगहों पर अपनी सुविधानुसार छठ घाट बनवा कर पूजन किया जा रहा है।

पूर्णिया पूर्व के अनुसार कोरोना की भीषण त्रासदी से उबारने के लिए प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में रविवार को आस्था का महापर्व चैती छठ पर व्रती महिलाओं ने अस्तचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। अ‌र्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने समस्त मानव जाति की रक्षा हेतु कामना की। महिलाओं के साथ बच्चे और उनके परिवार के लोग भी पहुंचे थे। प्रखंड के रानीपतरा, रजीगंज, बेलौरी, दीवानगंज, मंझेलि, महेंद्रपुर, सपनी आदि में कोविड 19 महामारी को लेकर सभी अपने अपने दरवाजे पर ही पोखर खोदकर छठ पर्व मनाया। वहीं छठ पर के दौरान सोशल डिस्टेंसिग का भी पालन करते दिखे। लोग एक मीटर की दूरी पर बने घेरे में खड़े होकर भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य दिया। व्रती महिलाएं के साथ चल रहे पुरुष और बच्चों के सिर पर सजे हुए सूप और दौरा भक्ति का माहौल बना रहे थे।

कसबा के अनुसार लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार को कसबा प्रखंड के महावीर चौक कोसी नदी घाट, मदारघाट कोसी नदी घाट सहित घरों में अस्ताचल गामी भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य दिया गया। लोक आस्था के पर्व पर नदी में बेदी बनाकर पूजन और अनुष्ठान का दौर शुरू हुआ, अस्ताचल गामी भगवान भास्कर को जल और दूध से अभिषेक कर आशीर्वाद लिया।

रूपौली के अनुसार पूरे प्रखंड में आस्था एवं विश्वास का महापर्व चैती छठ बडे़ ही धूमधाम एवं श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। रविवार को छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य भगवान को अ‌र्ध्य दिया। स्वच्छता का प्रतीक माने जानेवाले इस महापर्व पर हर-ओर साफ-सफाई देखी गई। कोई तालाब तो कोई नदी तो कोई दरबाजों पर गडढे़ खोदकर उसमें पानी देकर छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्ध्य दिया। इस दौरान मां छठी की गीत से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है ।

जलालगढ़ के अनुसार लोकआस्था का महापर्व चैती छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार को श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्ध्य दिया। जलालगढ़ क्षेत्र के विभिन्न नदी घाटों एव घरों पर ही वैकल्पिक व्यवस्था कर श्रद्धालुओं ने अ‌र्ध्य दिया गया। श्रद्धालुओं द्वारा छठ घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। पारंपरिक गीत संगीत से क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला छठ महापर्व सोमवार को संपन्न होगा।

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