पीयू अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने उप मुख्यमंत्री से की 65 वर्षों तक के सेवा विस्तार की मांग

पूर्णिया। पूर्णिया विश्वविद्यालय अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को अप

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 07:58 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 07:58 PM (IST)
पीयू अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने उप मुख्यमंत्री से की 65 वर्षों तक के सेवा विस्तार की मांग
पीयू अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने उप मुख्यमंत्री से की 65 वर्षों तक के सेवा विस्तार की मांग

पूर्णिया। पूर्णिया विश्वविद्यालय अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ ने उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को अपना मांगपत्र सौंपा। संघ की ओर से अध्यक्ष चंदन सिंह एवं रजनीश कुमार ने पटना स्थित उनके आवास पर मिलकर अतिथि शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। अध्यक्ष चन्दन सिंह ने बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा से संबंधित विभिन्न बिदुओं पर चर्चा की। उन्होंने अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा विस्तार 65 वर्ष करने व स्वीकृत पदों पर नियुक्त पदों को छोड़कर शेष रिक्त पदों पर बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित पदों पर बहाली का प्रस्ताव रखा। कहा कि बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में लगभग 1800 अतिथि शिक्षक उच्च शिक्षा को गति दे रहे हैं।

इनकी नियुक्ति यूजीसी द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों के आधार पर स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध हुई है। कुछ ऐसे भी अतिथि शिक्षक हैं जिनकी उम्र 55 वर्ष से ज्यादा है, वे वर्तमान बहाली में आवेदन से वंचित हो गए हैं।

बिहार सरकार में वर्ष 1982 एवं 1986 में अस्थायी सहायक प्राध्यापकों को नियम-परिनियम के अनुसार नियमितीकरण किया गया था। बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश एवं अन्य प्रदेशों में नियम-परिनियम के अनुसार अतिथि सहायक प्राध्यापकों को नियमित किया गया है। वर्तमान में हरियाणा सरकार के द्वारा नियुक्त अतिथि सहायक प्राध्यापकों को निश्चित मानदेय पर नियमित किया गया है। मध्य प्रदेश एवं झारखंड सरकार के द्वारा भी अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण करने के लिए कहा गया है एवं प्रक्रियाधीन है।

उन्होंने अतिथि शिक्षकों को प्रतिमाह ?50,000 मानदेय देने साथ ही विश्वविद्यालय को स्वीकृत पद के अतिरिक्त 20 प्रतिशत अधिक अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा लेने की अनुमति दी जाए। ताकि छात्र-शिक्षकों का अनुपात एवं उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे।

चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गंभीरता से एक-एक बिदु पर समय देते हुए ना सिर्फ चर्चा की बल्कि बातों को गंभीरता से लिया। उन्होंने अतिथि शिक्षकों को भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा दिया।

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