जीवन शैली में बदलाव से कम हो सकती है हृदय रोग की समस्या
पूर्णिया। 2000 से प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इसका उदेश्य लोगों को ह
पूर्णिया। 2000 से प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इसका उदेश्य लोगों को हार्ट संबंधित बीमारी के प्रति जागरूक करना है।
एपीआइ के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. डी राम ने बताया कि व्यस्त जीवन में तनाव और बदलते खानपान की आदतों के कारण लोग दिल की बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं। एक बेवीनार में हिस्सा लेते हुए डॉ. देवीराम ने कहा कि हर वर्ष विश्व में करीब 1.7 करोड़ लोग इस बीमारी से मरते हैं। 40 वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री और पुरुष के इस बीमारी के चपेट में आने की आशंका रहती है। डॉ. डी राम ने बताया कि इस बीमारी के लक्षण छाती में दर्द और दम फूलना है खासकर चलने पर। अगर लोग पहले से सजग रहें तो इस बीमारी खतरे काम किया जा सकता है। जीवन शैली में बदलाव सबसे जरूरी है। धूमपान की आदत है तो उसे तुरंत छोड़ देना चाहिए। उच्च रक्तचाप, खून में ज्यादा चर्बी, मधुमेह, मोटापा खासकर पेट का, थॉयराइड की बीमारी, मानसिक तनाव, अधिक शराब पीना आदि प्रमुख कारण है। परिवार में किसी अन्य में यह बीमारी हो तो पहले से अधिक सतर्क रहना चाहिए। मधुमेह और उच्च रक्तचाप की बीमारी से हार्ट अटैक की आशंका काफी बढ़ जाती है। जीवन शैली में परिवर्तन, मोटापा घटाना, धूमपान से परहेज, नियमित व्यायाम, मधुमेह को नियंत्रित रखना इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है।