कोसी में समा रहा गरीबों का घर-आंगन
पूर्णिया। दशकों से कट रहे टोपड़ा बिदटोली के लोगों को आजतक किसी ने सुध नहीं ली। जून मा
पूर्णिया। दशकों से कट रहे टोपड़ा बिदटोली के लोगों को आजतक किसी ने सुध नहीं ली। जून माह से कटाव का दंश झेल रहे इस गांव के लोगों की जिदगी बद-से-बदतर हो गई है। इन गरीबों की आवाज व्यवस्था में बैठे लोगों के कानों तक पहुंच ही नहीं पा रही है।
प्रतिदिन इनके घर कोसी में समा रहे हैं। एक सप्ताह से आंधी-पानी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस परिस्थिति में कोसी का कटाव विकराल रूप ले चुका है। प्रतिदिन इस गांव के आधा दर्जन घर कोसी में समा रहे हैं। एक सप्ताह पहले तक 59 लोगों के घर समा गए थे। इस आंधी-बारिश में लगभग डेढ़ दर्जन लोगों और घर समा गए हैं। यहां के लोगों शनिचर महतो, लूटन महतो, मुनीलाल महतो, जीतन महतो, इंदल, छोटन, जगदीश, बेचन, राजेंद्र, शुला देवी, पांचू, बदरी, छतरी, शंभू, रामस्वरूप, नुनू, गौरी, अंगद, उपेंद्र, परमेश्वर, दिनेश, शैलेष, लालो, अमरदेव, बती देवी, रामबहादुर महतो, मानिक महतो, कपिलदेव मेहता ने बताया कि उनके घर नदी में समा गए। अब वे खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं। अबतक किसी ने भी यहां आकर उनकी सुधि नहीं ली है । आखिर वे कहां जाएंगे, कहां घर बनाएंगे? लोगों ने सरकार से तत्काल प्रभाव से सरकारी जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है।