दो सौ साल पुराना काठ पुल ध्वस्त, आवागमन प्रभावित

पूर्णिया। बड़हरा पंचायत के गोपीनगर परसा स्थित कदई धार पर दो सौ वर्ष पहले बना काठ पुल इ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 07:23 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 12:16 PM (IST)
दो सौ साल पुराना काठ पुल ध्वस्त, आवागमन प्रभावित
दो सौ साल पुराना काठ पुल ध्वस्त, आवागमन प्रभावित

पूर्णिया। बड़हरा पंचायत के गोपीनगर परसा स्थित कदई धार पर दो सौ वर्ष पहले बना काठ पुल इस बार लगातार बारिश की मार नहीं झेल पाया। यह पुल आखिरकार ध्वस्त हो गया। इससे दर्जनों पंचायत और पड़ोसी जिला मधेपुरा के मुरलीगंज क्षेत्र लोगों का आवागमन प्रभावित हो गया है।

प्रखंड क्षेत्र के मुख्य सड़क पर यह पुल बना हुआ था। पुल के दोनों ओर चकाचक सड़क बन गई है, लेकिन इस काठ पुल का पुनर्निर्माण नहीं किया गया। प्रखंड मुख्यालय स्थित ग्राम पंचायत बड़हरा को जोड़ने वाला यह काठ पुल लगभग दो सदी वर्ष पुराना है। यह कई साल से जर्जर अवस्था में था। इससे किसी तरह पैदल और दो पहिया वाहनों का आवागमन होता था। स्थानीय लोगों ने जुगाड़ तकनीक से इसे चलने लायक बना रखा था। इसके लिए काठ पुल में बांस-बल्ला बिजली के टूटे पोल का उपयोग किया गया था।

इस बार भारी बारिश से नदी में पानी का बहाव काफी बढ़ गया। पुल पर दबाव बढ़ने से यह चरमरा गया।

प्रखंड के ग्राम पंचायत मुलकिया, गौरीपुर और दिबराधनी के दर्जनों गांव सहित मधेपुरा जिला के मुरलीगंज और बिहारीगंज के लोगों को प्रखंड मुख्यालय आने में अब पांच से छह किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ेगा। स्थानीय राजू महतो, योगेन्द्र मेहता, मानो महतो, कामो महतो, पुलकित मंड़ल, शिवनारायण मंडल, उपेन्द्र साह, रूपलाल भगत, प्रेमा देवी आदि ने बताया कि नदी के दोनों ओर चकाचक सड़क बन जाने के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह पुल उपेक्षित रहा। तीन दशक से हर चुनाव में नेता पुल बनाने का आश्वासन देकर वोट लेते रहे हैं। आज तक यह पुल नहीं बन पाया है। अति महत्वपूर्ण इस पुल के निर्माण की दिशा में स्थानीय जनप्रतिनिधि, विधायक एवं सांसद किसी ने भी कोई ठोस पहल नहीं की है। अब काठ पुल के ध्वस्त हो जाने से इलाके के लोगों की मुश्किल बढ़ गई है। यह काठ पुल विधानसभा चुनाव में क्षेत्र में हुए विकास के दावे को मुंह चिढ़ा रहा था।

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