नील गाय फसलों को कर रही नष्ट, किसान परेशान
जिले के श्रीनगर प्रखंड के प्रसिद्ध सिघिया जंगल के नील गाय किसानों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। सिघिया जंगल के आसपास के किसान नील गाय के आतंक से परेशान हैं।
संस, केनगर (पूर्णिया)। जिले के श्रीनगर प्रखंड के प्रसिद्ध सिघिया जंगल के नील गाय किसानों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। सिघिया जंगल के आसपास के किसान नील गाय के आतंक से परेशान हैं। जंगल के चारों तरफ पांच-छ: किलोमीटर के दायरे में खेतों में लगे मक्का, गेहूं, आलू, सकरकन्द, गोभी, बैगन आदि फसलों को नील गाय भारी नुकसान पहुंचा रही है। नील गाय के से बचने के लिए किसानों के हर हथकंडे नाकाम साबित हो रहे हैं। दिन हो रात कभी भी नील गाय का झूंड जंगल से निकल कर खेतों में आ जाता है तथा फसलों को खाते-पीते रौंदते निकल जाते हैं। दिन में तो किसान किसी तरह खेतों की रखवाली कर लेता है परन्तु रात में वे खूब उधम पहुंचाते हैं। नील गाय से पीड़ित किसान बताते हैं कि वे सरकार की गलत निति के साथ कीट- ब्याधि एवं पशु-पक्षी के प्रकोप एवं प्रकृति की मार का दंश झेलते झेलते थक चुका है। अब नील गाय का आतंक आ गया है और इससे बचने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। इस क्षेत्र के किसान नील गाय के आतंक से बचने के लिए वर्षों से विभाग से जंगल की घेराबंदी करने की मांग कर रहे हैं। क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक को भी उक्त समस्या से अवगत कराया गया है। परन्तु किसानों के इस दर्द को समझने वाला कोई नहीं है। नील गाय के आतंक से पीड़ित किसान जिला पदाधिकारी एवं जिला वन्य पदाधिकारी को एक आवेदन देकर सिघिया जंगल की घेराबंदी के लिए गुहार लगाया है। पीड़ित किसानों ने बताया सरकार नील गाय से सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं हुआ तो वे लोग चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।