क्राइम- शराबबंदी में पुलिस की उपलब्धि से बढ़ रही कारा प्रशासन की मुसीबतें

शराबबंदी को लेकर पुलिस की विशेष मुहिम लगातार जारी है। इस मामले में पुलिस को लगातार उपलब्धि भी मिल रही है। शराब के अवैध कारोबारियों के साथ शराबियों की भी गिरफ्तारी हो रही है। इधर पुलिस की इस उपलब्धि केंद्रीय कारा प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 11:03 PM (IST)
क्राइम- शराबबंदी में पुलिस की उपलब्धि से बढ़ रही कारा प्रशासन की मुसीबतें
क्राइम- शराबबंदी में पुलिस की उपलब्धि से बढ़ रही कारा प्रशासन की मुसीबतें

प्रकाश वत्स, पूर्णिया। शराबबंदी को लेकर पुलिस की विशेष मुहिम लगातार जारी है। इस मामले में पुलिस को लगातार उपलब्धि भी मिल रही है। शराब के अवैध कारोबारियों के साथ शराबियों की भी गिरफ्तारी हो रही है। इधर पुलिस की इस उपलब्धि केंद्रीय कारा प्रशासन के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। केंद्रीय कारा में फिलहाल 1048 कैदियों के रहने की क्षमता है। इसके विपरीत केंद्रीय कारा में वर्तमान कैदियों की संख्या दो हजार के करीब पहुंच चुकी है। क्षमता के अनुसार ही मौजूद है सुविधा, कैदियों को भी फजीहत बता दें कि केंद्रीय कारा में क्षमता के अनुसार ही मौलिक सुविधा भी उपलब्ध है। शौचालय, स्नानागार, सोने की व्यवस्था भी उसी अनुरुप है। इस स्थिति में कैदियों की संख्या दुगुनी हो जाने से नित्य असहज स्थिति पैदा हो रही है। हर वार्ड में क्षमता से दुगुना कैदी रखा जा रहा है। इसको लेकर सामंजस्य स्थापित कराने में कारा प्रशासन को भी खूब पसीना बहाना पड़ रहा है। साफ-सफाई से लेकर हर व्यवस्था दुरुस्त रखना कारा प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। केंद्रीय कारा में है 18 पुरुष व पांच महिला वार्ड केंद्रीय कारा में फिलहाल 18 पुरुष व पांच महिला वार्ड है। इन्हीं वार्डों में कैदियों को रखा जा रहा है। तीन नए वार्ड के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इन वार्डों को निर्माण को लेकर प्रक्रिया अभी चल रही है। इसके लिए कारा के अंदर कई अन्य कार्य भी होने हैं। कुल मिलाकर इसके निर्माण की तत्काल कोई उम्मीद नहीं है। इधर शराबबंदी को लेकर चल रहे विशेष मुहिम के चलते औसतन हर दिन तीन-चार लोगों की गिरफ्तारी जिले में हो रही है। इसके अलावा फरार वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए भी बीच बीच में पुलिस का विशेष अभियान चल रहा है। इससे लगातार कारा में स्थिति विकट होती जा रही है। कोट- केंद्रीय कारा में 1048 कैदियों के आवासन की क्षमता है। फिलहाल तकरीबन दो हजार कैदी कारा में है। निश्चित रुप से सीमित सुविधा में कैदियों की संख्या बढ़ने से परेशानी उत्पन्न होती है। तीन नए प्रस्तावित वार्ड के निर्माण को लेकर कारा प्रशासन के स्तर से हर आवश्यक पहल की जा रही है।

राजीव कुमार झा, कारा अधीक्षक, पूर्णिया।

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