खुद बीमार है डगरूआ का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

संस डगरूआ (पूर्णिया) मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डगरूआ में डाक्टर और संसाधनों की

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:46 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:46 PM (IST)
खुद बीमार है डगरूआ का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
खुद बीमार है डगरूआ का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

संस, डगरूआ (पूर्णिया) : मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डगरूआ में डाक्टर और संसाधनों की कमी से रोगी को इलाज में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मालूम हो कि प्रखंड के 02 लाख 76 हजार 565 की आबादी के लिए प्रखंड मुख्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा इचालो, कैटारे और मझुआ सहित तीन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डगरूआ में मात्र चार एमबीबीएस डाक्टर और एक दन्त चिकित्सक है। जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को लेकर डाक्टर का कुल स्वीकृत पद 10 है जिसमें वर्तमान में मात्र छह डाक्टर है। जिस कारण सिर्फ इचालो अतिरिक्त . प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सुचारू रूप से चल रहा है। डाक्टर के अभाव में कैटारे और मझुआ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी को काफी परेशानी होती है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सर्जन डाक्टर नहीं रहने से बायसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. बिजय कुमार द्वारा सप्ताह में दो दिन सोमवार और गुरुवार को परिवार नियोजन का आपरेशन किया जाता है। प्राथमिक स्वास्थ्य सहित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , उपस्वास्थ्य केंद्र हेतु एएनएम के कुल 76 स्वीकृत पदों में मात्र 36 एएनएम पदस्थापित है। स्वास्थ्य प्रशिक्षक के तीन पद स्वीकृत में एक पदस्थापित वह भी जिला कंट्रोल रूप में प्रतिनियुक्त है। एल टी के तीन स्वीकृत पदों में एक मात्र पदस्थापित है। लिपिक तीन है वहीं फर्मासिस्ट के तीन स्वीकृत पद, एलएच भी के तीन स्वीकृत पद और ड्रेसर के पांच स्वीकृत पदों में एक भी फर्मासिस्ट , एल एच भी और ड्रेसर के नहीं रहने से काफी कठिनाई होती है। अस्पताल में संसाधन का अभाव -

वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक्स रे का नया सिस्टम लगा है लेकिन तकनीशियन नहीं रहने से एक्स रे चालू नहीं है। अल्ट्रासाउन्ड की व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में वर्तमान में औसतन 150 रोगी इलाज कराने आते है । प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मात्र 15 बेड है । बेड की कमी से भी रोगी को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। वहीं रोगी हेतु बेड पर चादर देने की व्यवस्था है लेकिन बेड पर चादर नियमित नहीं दिया जाता है। पैथोलोजी उपलब्ध है। दवा 52 में 48 उपलब्ध बताया गया। वहीं चिकित्सक द्वारा अस्पताल से प्राप्त सूची के आधार पर ही दवा लिखी जाती है। रोगी को दवाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से उपलब्ध हो जाता है। किसी-किसी रोगी के अनुरोध पर चिकित्सक द्वारा बाहर की दवा भी लिखी जाती है। एक कर्मी के भरोसे अस्पताल की सफाई-

पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक मात्र सफाई कर्मी से जिससे अस्पताल परिसर की पूर्णत: सफाई नहीं हो पाती । प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक मात्र एम्बुलेन्स सुविधा उपलब्ध है। वहीं कोविड -19 की जांच भी नियमित की जाती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थित कई भवन जर्जर रहने से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी को पांच से दस किलो मीटर दूरी से आना पड़ता है । वहीं ओपीडी में डा. मो रज्जी द्वारा रोगी देखा जा रहा था, इलाज कराने आये रोगी में टरिया के हमीद ने टीबी की , महमदिया के नीसार ने शरीर में हुई घाव की, महलबाड़ी के नीतू देवी ने सर्दी , खांसी, बुखार और कमजोरी की तो वही हाटगाछी के मनोवर को कुत्ता काटने की दवाई दी गई । क्या कहते हैं चिकित्सा पदाधिकारी -

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. अवनीश ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भवन की कमी और कई भवन जर्जर रहने से चिकित्सक सहित अन्य कर्मी को काफी परेशानी हो रही है। भवन हेतु विभाग को लिखा गया है साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जो भी संसाधन की कमी है उसे दूर करने हेतु विभाग को लिखित जानकारी दी गई है।

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