जीएमसीएच में लगातार मरीजों की संख्या में हो रही है बढ़ोतरी
पूर्णिया। कोरोना काल में संस्थागत प्रसव में कमी दर्ज की गई थी। इसका असर सदर अस्पताल उत्क्रमित र
पूर्णिया। कोरोना काल में संस्थागत प्रसव में कमी दर्ज की गई थी। इसका असर सदर अस्पताल उत्क्रमित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में भी हुआ था। यहां पर कोरोना महामारी के दूसरे लहर के दौरान 60 फीसद तक प्रसव की संख्या में कमी हुई थी। अब इस स्थिति में सुधार हो रहा है। सितंबर माह में अस्पताल में 712 गर्भवती महिलाओं का प्रसव हुआ। अब औसत दैनिक प्रसव 21 से 23 है जो दस के आसपास पहुंच गया था। जीएमसीएच के लेवर वार्ड में जनवरी माह में 640, फरवरी माह में 609, मार्च माह में 601, अप्रैल माह में 518, मई माह में 289 प्रसव हुआ। उसके बाद जून और जुलाई में भी यह कमी जारी रही। अगस्त से सुधार होना प्रारंभ हुआ जो 700 के आसपास पहुंच गया है। जीएमसीएच अधीक्षक डा. विजय कुमार ने बताया कि अपग्रेड होने के बाद से चिकित्सक और संसाधन में लगातार सुधार किया गया है। अब चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ी है। यही कारण है कि ना केवल प्रसव बल्कि जनरल सर्जरी में बढ़ोत्तरी हुई है। रोजाना जनरल सर्जरी हो रही है। ओपीडी और अन्य वार्ड में सुविधा मिलने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ी है। ओपीडी में 600 के करीब औसत मरीज उपचार और दवा के लिए पहुंच रहे हैं। इंडोर में अबतक 2825 मरीज की भर्ती कर उपचार किया गया है जिसमें केवल सितंबर माह में 776 मरीज का भर्ती कर उपचार हुआ। इसमें पुरूष इंडोर 6 हजार 383 है और सितंबर माह 855 मरीज का उपचार किया गया। महिला मरीज जिनका इंडोर में भर्ती किया गया है वह 5 हजार 941 है जिसमें केवल सितंबर माह में 982 है। इमरजेंसी सेवा का भी विस्तार किया गया है। इमरजेंसी में इस वर्ष 63493 का उपचार हुआ जिसमें केवल सितंबर माह में 1620 है। इमरजेंसी में औसतन रोजाना 50 से 60 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। बच्चा वार्ड में 776 मरीज की भर्ती कर उपचार किया गया।