24 घंटे में 65 एमए बारिश की गई रिकार्ड, दो डिग्री गिरा तापमान

पूर्णिया। पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने नगर को जहां झील में तब्दील कर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:53 PM (IST)
24 घंटे में 65 एमए बारिश की गई रिकार्ड, दो डिग्री गिरा तापमान
24 घंटे में 65 एमए बारिश की गई रिकार्ड, दो डिग्री गिरा तापमान

पूर्णिया। पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने नगर को जहां झील में तब्दील कर दिया है वहीं किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र से मौसम में आए परिवर्तन का दौर मंगलवार को भी जारी रहा। पूर्णिया मौसम केंद्र द्वारा मंगलवार को 24 घंटे में 65 एमएम वर्षा रिकार्ड किया गया है। हालांकि लगातार हो रही बारिश से तापमान में काफी गिरावट आई है। पिछले 48 घंटे में तापमान में छह डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 24.6 एवं न्यूनतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। पूर्णिया मौसम केंद्र के वैज्ञानिक राकेश कुमार ने बताया कि

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदले मौसम की वजह से सीमांचल में बारिश हो रही है। अभी 24 घंटे और मौसम में बदलाव की उम्मीद नहीं है। बुधवार को भी हल्की बारिश का क्रम जारी रहेगा

तथा ठंडी हवा भी चलेगी।

शनिवार से शुरू हुई वर्षा का क्रम मंगलवार को भी जारी रहा। सोमवार की रात से ही झमाझम बारिश हो रही थी जो मंगलवार को दोपहर तक लगातार जारी रहा। कभी मध्यम तो कभी जोरदार बारिश होती रही। दोपहर बाद वर्षा से लोगों को थोड़ी राहत मिली। हालांकि लगातार बारिश से पिछले सप्ताह की तुलना में तापमान में काफी गिरावट आई जिससे गर्मी से झुलस रहे लोगों को राहत मिली। लेकिन भारी बारिश के कारण शहर पानी-पानी हो गया। नगर के हर सड़क, हर गली में पानी का जमाव इतना हो गया कि लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। सबसे अधिक परेशानी किसानों को झेलनी पड़ रही है।

दरअसल किसानों के धान अब पकने लगे हैं। अगता खेती करने वाले किसानों के धान तो कट कर खेत में तैयारी के लिए रखे गए हैं। इसी बीच जोरदार बारिश ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया। बर्षा से तैयार धान के बाली से धान झड़कर खेतों में गिर गए तथा धान के पौधे सो भी गए हैं। वहीं जो धान कट कर खेतों में रखे गए हैं उसमें पानी भर जाने से वे बर्बाद हो रहे हैं। केनगर, धमदाहा के कई किसानों ने बताया कि उनके खेतों में पानी भर जाने से धान के पत्तल खेतों में तैरने लगे हैं। वहीं आलू किसानों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। आलू रोपने के लिए तैयार खेतों में पानी आ जाने से अब रोपनी बाधित हो गयी है। जबकि किसानों के आलू बीज तैयार हैं। जो किसान आलू रोप दिए थे उनके खेतों में भी पानी आ जाने से बीज के सड़ने का खतरा बढ़ गया है। बारिश ने रबी फसल को काफी क्षति पहुंचाई है। इधर मौसम विभाग ने 24 घंटे और वर्षा की संभावना जताई है। ऐसे में किसानों की परेशानी और बढ़ सकती है।

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