पूर्णिया : लघु पत्रिका को जीवित रखने के लिए डिजिटल मोड में लाना जरूरी

भारतेंदु जयंती सह लघु पत्रिका दिवस पर लघु पत्रिका संस्पर्श के मधुबनी स्थित कार्यालय परिसर में रविवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 11:41 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 11:41 PM (IST)
पूर्णिया : लघु पत्रिका को जीवित रखने के लिए डिजिटल मोड में लाना जरूरी
पूर्णिया : लघु पत्रिका को जीवित रखने के लिए डिजिटल मोड में लाना जरूरी

पूर्णिया। भारतेंदु जयंती सह लघु पत्रिका दिवस पर लघु पत्रिका संस्पर्श के मधुबनी स्थित कार्यालय परिसर में रविवार को परिचर्चा का आयोजन किया गया। लघु पत्रिका समन्वय समिति के जिला इकाई संयोजक और साहित्य-पथ के संपादक गोविद कुमार ने बताया कि लगभग लघु पत्रिका प्रकाशन अब बंद है या अनियमित हो गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आकाशवाणी के अवकाश प्राप्त निदेशक विजय नंदन प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में लघु पत्रिका का अस्तित्व बचा रहना जरूरी है। लघु पत्रिकाएं ही हैं जो साहित्य से सरोकार रखने वाले नए रचनाकारों को एक मायने में पैदा करती हैं। ई. पत्रिका से सृजनोंन्मुख के संपादक युवा कवि अतुल मलिक अंजान ने कहा कि लघु पत्रिका की सफलता के लिए उसे डिजिटल मोड में लाना होगा। डिजिटल माध्यम में लघु पत्रिका का प्रसार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकता है। जो पत्रिकाएं मुद्रित होकर प्रकाशित हो रही है उन पत्रिकाओं को भी सहयोग प्रदान करना चाहिए। इससे लघु पत्रिकाएं जीवित रह पाएंगीं। कवि गौरी शंकर पूर्वोत्तरी ने अपने विचार रखें। विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद पूर्णिया विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसएल वर्मा उर्फ कवि शम्भू कुशाग्र ने बताया कि अभी के दौर में जो लघु पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही है, निश्चित तौर पर उसके लिए संबद्ध लोगों को संघर्ष भी करना पड़ रहा है। रंगकर्मी व कवि उमेश आदित्य ने कहा कि सभी के लिए लघु पत्रिका को खरीद कर पढ़ना संभव नहीं है। अररिया से वरिष्ठ साहित्यकार भोला पंडित प्रणयी ने शुरू की गई लघु पत्रिका संवदिया के प्रबंध संपादक संजय सनातन ने कहा कि अभी के दौर में लघु पत्रिकाओं का प्रकाशन बहुत कठिन है। लघु पत्रिका संस्पर्श के संपादक उमेश पंडित उत्पल, दिलीप राज, गोपाल चंद्र घोष मंगलम, मदन मोहन मर्मज्ञ, कपिल देव कल्याणी, पंकज कुमार सिन्हा व सुनील समदर्शी व कवि पंकज कुमार आदि लोगों ने भी परिचर्चा में हिस्सा लिया।

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