कोरोना काल में संचार ने ही विकास को दी गति : कुलपति

पूर्णिया विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग की ओर से अंतरिक्ष विज्ञान तथा आधुनिक काल में संचार तकनीक विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 11:00 PM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 11:00 PM (IST)
कोरोना काल में संचार ने ही विकास को दी गति : कुलपति
कोरोना काल में संचार ने ही विकास को दी गति : कुलपति

पूर्णिया। पूर्णिया विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग की ओर से अंतरिक्ष विज्ञान तथा आधुनिक काल में संचार तकनीक विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. राज नाथ यादव ने कहा कि प्राकृतिक आपदा या वैश्विक आपदा कोरोना (कोविड-19) के समय संचार व्यवस्था ने ही जन-जीवन को सामान्य बनाए रखा साथ ही विकास को गतिशीलता प्रदान की।

कुलपति ने दूरसंचार को विकास का अहम कारक बताया।

कुलपति ने कहा कि पूर्णिया में विश्वविद्यालय राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान का आयोजन शुरू हो चुका है। वर्तमान समय में अंतरिक्ष विज्ञान की महत्ता पर भी विस्तार से चर्चा की। इसके पहले उन्होंने मुख्य वक्ता रविद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. अशोक कुमार ग्वाल तथा हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर मध्यप्रदेश के भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रणवीर कुमार का स्वागत किया। इस अवसर पर स्वागत भाषण आयोजन समिति के सदस्य सह विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष सह भौतिकी विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार झा ने दिया। उन्होंने आयोजन के लिए कुलपति को प्रेरणा स्त्रोत बताया। यह हमारा सौभाग्य है कि वे रसायनशास्त्र के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त नाम है। विभागाध्यक्ष ने आधुनिक काल में दूरसंचार के विकास को विज्ञान के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण बताया। कहा कि रक्षा क्षेत्र की तर्ज पर ही दूरसंचार भी जल, थल, तथा नभ (आकाश) का इस्तेमाल कर रहा है। डॉ. उपेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा ने कहा कि उनका शोध इसी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में देश तथा विदेशों में चल रही गतिविधियों की भी जानकारी दी। कहा कि उन्हें इस क्षेत्र के संस्थापकों द्वारा स्थापित संस्थानों में काम करने तथा कई देशों में जाकर इसके खोजों को जानने का अवसर मिला है। कम्यूनिकेशन में स्पेस के महत्व सहित अन्य क्षेत्रों पर उन्होंने पीपीटी के माध्यम से इस क्षेत्र में चल रहे शोध तथा फलाफल को भी बताया। डीएस कॉलेज, कटिहार के डॉ. स्वामी नंदन ने भी इस क्षेत्र में भारत के विकास को बताया और कहा कि हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

वेबिनार का संचालन जीएलएम कॉलेज बनमनखी के प्रो. कौशल किशोर प्रसाद ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डीएस कॉलेज कटिहार के बिपाशा राहा ने किया। इस दौरान कई भागीदारों ने सवाल भी पूछे। जिसका प्रो. अशोक कुमार ग्वाल, डॉ रणवीर कुमार तथा डॉ. उपेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा ने जवाब दिया। अंत में कुलपति प्रोफेसर राजनाथ यादव ने सभी के प्रति आभार जताया तथा सहयोग की प्रशंसा की। कार्यक्रम के सहयोगी के रूप में राजेश कुमार नियोगी तथा प्रकाश रंजन दीन ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ने की अपील

बेविनार के मुख्य वक्ता प्रो. अशोक कुमार ग्वाल ने अंतरिक्ष विज्ञान की महत्ता को बताते हुए विद्यार्थियों तथा शिक्षकों से अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ने की अपील की। कहा कि अंतरिक्ष और दूरसंचार के क्षेत्र में भारत विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। इस क्षेत्र में खोज तथा विकास की असीम संभावनाएं हैं। बाद में इस क्षेत्र में हो रही खोज की चर्चा भी की। दूसरे मुख्य वक्ता प्रो. रणवीर कुमार ने कहा कि भूगर्म विज्ञान के विकास का संबंध भी दूरसंचार क्षेत्र से है। वे मेटेरियल साईंस से जुड़े हैं। स्पेस साइंस तथा दूरसंचार क्षेत्र में भूगर्म विज्ञान के सहयोग को विस्तार से बताया।

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