एनआइए जांच की आंच पहुंची सीमांचल
पूर्णिया। नागालैंड से अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी मामले की एनआइए जांच की आंच सीमांचल पहुंच
पूर्णिया। नागालैंड से अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी मामले की एनआइए जांच की आंच सीमांचल पहुंच गई है। बायसी में 10 फरवरी को अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी मामले में पकड़ाए तीन तस्करों के सहयोगी कटिहार निवासी मु. मारुफ की तलाश एनआइए कर रही है। हथियार तस्करों से मारुफ के संबंध होने की बात सामने आने के बाद एनआइए सक्रिय हो गई है। जांच में यह बात भी सामने आई की कई अत्याधुनिक हथियारों की डील में इसने अहम भूमिका निभाई है। मारुफ कटिहार के बारसोई के सीमावर्ती इलाके का रहने वाला है। एनआइए इस बात की भी जांच कर रही है कि पकड़ में आए तस्करों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों के अलावा कितने नागालैंड से फर्जी लाइसेंस बनवाकर बांटे हैं। एनआइए को मिली जानकारी के अनुसार सीमांचल के जिलों में भी नागालैंड से फर्जी हथियार लाइसेंस लाकर खपाए गए हैं। इसकी पता लगाने के लिए एनआइए पूर्णिया सहित आसपास के जिलों के हथियार लाइसेंस का सत्यापन कर सकती है।
बायसी पुलिस के पकड़ में आए 10 फरवरी 2019 को हथियारों की खेप के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार तस्करों के पास से दो ग्रेनेड लांचर, एके 47 सहित 1800 कारतूस बरामद किया गया था। अब इस मामले को एनआइए अपने हाथ में लेकर जांच कर रही है। इस मामले में पकड़े गए सभी तस्करों को दो अप्रैल को एनआइए कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में गिरफ्तार तस्करों क्लियरसन काबो, सूरज प्रसाद, मुकेश सिंह, त्रिपुरारी सिंह शामिल है।
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पूर्णिया में है 1078 हथियारों के लाइसेंस
पूर्णिया में हथियारों के लाइसेंस सबसे अधिक डीएम डॉ. एन सरवण कुमार द्वारा जारी किया गया। इनके द्वारा 76 हथियारों का लाइसेंस एवं पंकज कुमार पाल द्वारा 34 हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया है। राजेश कुमार द्वारा 19 हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया है। पूर्णिया में जिलाधिकारी के रूप में डॉ. एन सरवण कुमार ने 2 मार्च 2010 को कमान संभाली थी। वे जिलाधिकारी के रूप में आठ जनवरी 2013 तक पदस्थापित रहे। उनके द्वारा के. हाट थाना क्षेत्र के 18, के. नगर थाना क्षेत्र के 9 एवं सदर थाना क्षेत्र के 11 लोगों को हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया है। इस दौरान उनके द्वारा कसबा, बायसी, धमदाहा, रुपौली एवं बनमनखी के भी कई लोगों को हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के रूप में मनीष वर्मा ने 20 जनवरी 2013 से आठ अप्रैल 2014 तक जिलाधिकारी के रूप में जिले की कमान संभाली लेकिन उनके द्वारा किसी को भी कोई हथियार का लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया है। इसके बाद 9 अप्रैल 2014 को संजय अग्रवाल ने जिलाधिकारी के रूप में जिले की कमान संभाली और वे छह जून 2014 तक जिलाधिकारी रहे। अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा एक हथियार का लाइसेंस निर्गत किया गया। जिलाधिकारी के रूप में अरविंद कुमार सिंह पूर्णिया में 20 जुलाई से 25 जुलाई 2014 तक पदस्थापित रहे मगर उनके कार्यकाल में भी किसी तरह का कोई हथियार का लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया। 25 अगस्त 2014 से 4 अगस्त 2015 तक राजेश कुमार जिलाधिकारी के रूप में कार्यरत रहे और उनके द्वारा इस दौरान 19 हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया। इसके बाद पंकज कुमार पाल ने जिलाधिकारी की कमान संभाली और अपने कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा 34 हथियारों का लाइसेंस निर्गत किया गया है। एनआइए अब नागालैंड से छह वर्षो के दौरान निर्गत लाइसेंस के आधार पर इस बात का पता लगाएगी की सीमांचल के जिलों के किन लोगों के नाम और पते पर हथियार के फर्जी लाइसेंस निर्गत किए गए।
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हवाला के कड़ियों को भी सुलझा रही एनआइए
हथियार तस्करों द्वारा अत्याधुनिक हथियारों की कीमत एवं फर्जी लाइसेंस देने के बाद हवाला के माध्यम से रुपये लिए जाते थे। जांच के दौरान एनआइए अब इस कड़ी को सुलझाने में जुट गई है। एनआइए ने बायसी पुलिस द्वारा जब्त सभी प्रदर्श कागजात एवं जानकारियां ले ली है जो अब तक पुलिस के पास थी।