मतदान के लिए ईवीएम के साथ लगाना पड़ सकता है अलग से बीयू
पूर्णिया लोक सभा चुनाव में सभी बूथों पर ईवीएम से मतदान होगा तथा इसबार सभी ईवीएम के साथ्
पूर्णिया: लोक सभा चुनाव में सभी बूथों पर ईवीएम से मतदान होगा तथा इसबार सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन एक ईवीएम से अधिकतम 16 प्रत्याशियों के लिए ही वोटिंग हो सकता है। उससे अधिक प्रत्याशी होने पर ईवीएम के साथ अलग से बीयू का प्रयोग करना पड़ता है। पूर्णिया लोस चुनाव 2019 के लिए अंतिम दिन तक 17 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। अगर किसी प्रत्याशी का नामांकन पत्र संवीक्षा के दौरान रद नहीं होता है तथा कोई उम्मीदवार अपना नाम वापस नहीं लेता है तो अलग से बीयू की आवश्यकता पड़ सकती है।
2004 से शुरू हुआ ईवीएम का इस्तेमाल
हालांकि 1982 में पहली बार देश में केरल में विधानसभा चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल हुआ था। लेकिन उसके बाद कुछ साल के लिए इसके उपयोग पर रोक लगा दिया गया। लेकिन वर्ष 2004 का साल इवीएम के लिए क्रांतिकारी रहा। उस साल देश में लोक सभा चुनाव में साढ़े 17 लाख ईवीएम का प्रयोग क्रिया गया। उसके बाद से सारे चुनाव ईवीएम से होने लगे।
ईवीएम में होते हैं दो यूनिट
ईवीएम में दो यूनिट होते हैं जिसमें कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट शामिल हैं। दोनों यूनिट केबुल से जुड़े होते हैं। कंट्रोल यूनिट बूथ में प्रोजाइडिंग ऑफिसर के पास होता है जबकि बैलेट यूनिट वोटिंग मशीन के अंदर होती है जिसका इस्तेमाल वोटर करते हैं। मतादाता के वोट उसी यूनिट में काउंट होते हैं। लेकिन ये सिर्फ 16 उम्मीदवारों के वोट ही काउंट कर सकती है।
एक ईवीएम में डाले जा सकते हैं 3,840 वोट
एक ईवीएम में अधिकतम 3,840 वोट डाले जा सकते हैं। दरअसल यहां एक बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1500 से अधिक नहीं होती है। इस हिसाब से एक ईवीएम एक मतदान केंद्र के लिए पर्याप्त होता है। लेकिन एक ईवीएम में अधिकतम 16 कैंडिडेट्स के लिए ही वोट दिए जा सकते हैं। जबकि पूर्णिया में 17 प्रत्याशी ने पर्चा भरा है। अगर नाम वापसी तक उम्मीदवारों की संख्या नहीं घटी तो यहां इवीएम के साथ अलग से बीयू लगाना पड़ेगा।