मास्टर ट्रेनर देंगे फिल्ड वर्कर को प्रशिक्षण

पूर्णिया : स्थानीय एक होटल में जारी एमटीओटी मास्टर ट्रेनर ऑफ ट्रेनी प्रशिक्षण कार्यशाला शुक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 09:06 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 10:49 PM (IST)
मास्टर ट्रेनर देंगे फिल्ड वर्कर को प्रशिक्षण
मास्टर ट्रेनर देंगे फिल्ड वर्कर को प्रशिक्षण

पूर्णिया : स्थानीय एक होटल में जारी एमटीओटी मास्टर ट्रेनर ऑफ ट्रेनी प्रशिक्षण कार्यशाला शुक्रवार को समाप्त हो गया। पांच दिवसीय इस आयोजन में जिले के विभिन्न विभागों से 35 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए। सभी मास्टर ट्रेनर को सिविल सर्जन ने प्रमाण पत्र प्रदान किया। मास्टर ट्रेनर फिल्ड वर्कर को प्रशिक्षण देंगे। फिल्ड वर्कर को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, एएनएम, आशा फेसिलेटर को मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण देंगे ताकि कुपोषित बच्चों का समुचित प्रबंधन और उपचार हो सके। जिले में दो स्तर पर कुपोषित बच्चे का उपचार किया जा रहा है। ऐसे बच्चे जो अति कुपोषित हैं और बीमार भी हैं उन्हें तत्काल सदर अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में उपचार की दरकार होती है। इसके अलावा ऐसे कुपोषित बच्चे जो कुपोषण के शिकार हैं लेकिन उनका घरेलू और सामुदायिक प्रबंधन से इलाज संभव हैं। ऐसे बच्चे कुपोषित तो होते हैं लेकिन किसी गंभीर बीमार के शिकार नहीं होते हैं। कुपोषण से संघर्ष में सबसे बड़ी समस्या वर्गीकरण की होती है। अधिकांश माता-पिता अपने बच्चे को अस्पताल के पोषण केंद्र में भर्ती कर इलाज नहीं करवाना चाहते हैं और घर पर समुचित देखभाल भी नहीं कर पाते हैं। इसी को देखते हुए राज्य में पहली बार कुपोषण दूर करने के अन्य उपाय के साथ उसके सामुदायिक स्तर पर कुपोषण उपचार प्रबंधन कार्यक्रम को भी लागू किया गया है। इसके लिए फिल्ड वर्कर अपने क्षेत्र के घर-घर का भ्रमण करेंगी और कुपोषित बच्चों की पहचान करेंगी। जरूरत पड़ने पर उसको स्थानीय पीेएचसी में भी जांच के लिए लाया जाएगा। उसके बाद बीमार नहीं रहने पर उसका घर में इलाज के उपाय के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए फिल्ड वर्कर को मास्टर ट्रेनर अगले माह से प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण के लिए दिल्ली और पटना के विशेषज्ञ की टीम पहुंची थी। दिल्ली से डॉ. रावत, यूनिसेफ की राज्य पोषण सलाहकार वृंदा कुमारी, डॉ प्रीति, जिला पोषण सलाहकार विवेकानंद कुमार ने स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। इसमें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, हेल्थ एडूकेटर, समेकित बाल विकास परियोजना की पर्यवेक्षिका, जीविका के स्वास्थ्य और पोषण प्रबंधक और प्रखंड परियोजना प्रबंधक, स्वाभिमान से जुड़े पदाधिकारी आदि को प्रशिक्षण दिया गया और मास्टर ट्रेनर तैयार किया गया है। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मोहन पूर्वे ने कहा कि जिले में सामुदायिक स्तर पर कुपोषण के उपचार प्रबंधन के लिए फिल्ड वर्कर तैयार होंगे और अभियान चलाया जाएगा ताकि बच्चों को स्वस्थ बनाया जा सके। सिविल सर्जन ने सभी बाहर से आए विशेषज्ञ प्रशिक्षक का आभार व्यक्त किया।

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