चांद और पति के दीदार के बाद सुहागिनों ने खोला करवा चौथ का व्रत

जागरण संवाददाता पूर्णिया पति की लंबी आयु की कामना और परिवार की सुख समृद्धि के लिए किया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:06 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 08:06 PM (IST)
चांद और पति के दीदार के बाद सुहागिनों ने खोला करवा चौथ का व्रत
चांद और पति के दीदार के बाद सुहागिनों ने खोला करवा चौथ का व्रत

जागरण संवाददाता, पूर्णिया: पति की लंबी आयु की कामना और परिवार की सुख समृद्धि के लिए किया जाने वाले करवा चौथ व्रत रविवार को क्षेत्र में विधि-विधान के साथ मनाया गया। सुहागिनों ने पूरा दिन निर्जला व्रत रख व सोलह श्रृंगार कर चांद का दीदार किया तथा शाम आठ बजे के बाद अ‌र्घ्य देकर पूजा अर्चना की। इसके बाद पति व बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया तथा पति के हाथों पानी पीने के बाद व्रत तोड़ा। इस दौरान पति ने भी उन्हें तोहफे दिए।

जिले के शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुहागिन महिलाओं ने उत्साह के साथ करवा चौथ पर्व मनाया।

नगर के शारदा नगर, सुभाष नगर, मधुबनी, लाइनबाजार, मधुबनी आदि इलाकों में पूरे उल्लास के साथ त्योहार मनाया गया। इस दौरान कई महिलाओं ने समूह में मंदिरों में भी एकत्रित होकर पूजा अर्चना की। मंदिरों में महिलाओं ने व्रत से संबंधित कथा सुनकर अपने बड़े बुजुर्ग का आशीर्वाद लिया। व्रत के बाद महिलाओं ने देर रात चांद के दर्शन किए और अपने पति के हाथों जल पीकर व्रत तोड़ा। वहीं जिनके पति बाहर रहते हैं उन्होंने विडियो काल कर पति के दर्शन किए।

सुभाषनगर निवासी पंकज सिंहा की पत्नी रजना सिंहा ने बताया कि शादी के बाद से वह करवा चौथ मनाती आ रही हैं। शुरुआत से लेकर आज तक इस पर्व को लेकर उत्साह एक जैसा बना हुआ है। भट्ठा दक्षिण के डा. तरूण सिंह की पत्नी ने बताया कि करवा चौथ का व्रत थोड़ा कठिन है। इसमें पूरा दिन बिना दाना-पानी के रहना पड़ता है। लेकिन उनके परिवार की महिलाएं शुरू से ही इस पर्व करती आ रही हैं तथा वे भी शादी के बाद से ही इस व्रत को कर रही हैं। डीआइजी चौक निवासी शिक्षक धीरेंद्र कुमार की शिक्षिका पत्नी अनीता देवी कहती हैं कि यह पर्व मनाने के लिए उन्हें अवकाश लेना पड़ता था। लेकिन इस बार रविवार रहने के कारण उन्हें आसानी हुई तथा निष्ठा के साथ पर्व मनाईं। वहीं सुभाष अग्रवाल की पत्नी ने बताया कि समय बदलने के साथ काफी बदलाव आ गया है। उनकी कई रिशतेदार विदेश में रहती हैं इसके बावजूद करवा चौथ के दिन कथा सुनने और पूजा करने के लिए वह ऑनलाइन होकर संपर्क करती हैं। कई महिलाओं ने बताया कि मिथिलांचल में इस त्योहार का चलन कम है लेकिन अब ग्लोबल हो रही दुनिया में सभी देखा देखी कर यहां भी बड़ी संख्या में सुहागिनें यह त्योहार मनाने लगी हैं।

शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र धमदाहा, बनमनखी, केनगर, पूर्णिया पूर्व आदि प्रखंडों में महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत किया। इस दौरान बाजारों में पूरी चमक-दमक रही। एक दिन पूर्व से ही महिलाओं ने फल-मिठाई एवं पूजा के पारंपरिक सामानों की खरीददारी की जिससे बाजार गुलजार बना रहा। रविवार को देर

रात में सुहागिनों ने पहले चांद और फिर पति का चेहरा देख व्रत तोड़ा।

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