शहर में चिकित्सकीय लाइसेंस से नर्सिंगहोम का हो रहा है संचालन

शहर में महज चिकित्सकीय लाइसेंस से नर्सिंगहोम और निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। यह पूरी तरह से अवैध है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर चुनिदा कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Mar 2021 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 12 Mar 2021 08:32 PM (IST)
शहर में चिकित्सकीय लाइसेंस से नर्सिंगहोम का हो रहा है संचालन
शहर में चिकित्सकीय लाइसेंस से नर्सिंगहोम का हो रहा है संचालन

पूर्णिया। शहर में महज चिकित्सकीय लाइसेंस से नर्सिंगहोम और निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। यह पूरी तरह से अवैध है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर चुनिदा कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है। निजी अस्पताल संचालक अपने दबदबे के बल पर विभागीय कार्रवाई से बच जाते हैं।

कुछ अरसा पहले हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया था और फर्जी लैब और नर्सिंग होम पर कार्रवाई की गई थी। ऐसे फर्जी लैब और नर्सिंगहोम पर मुकदमा भी दर्ज किया गया था। इसके साथ ही गैर निबंधित ऐसे लैब और नर्सिंग होम की सूची भी सार्वजनिक कर दी गई। इसके बावजूद गैर निबंधित नर्सिंगहोम खुलेआम अधिकारियों की नाक के नीचे संचालित हो रहे हैं।

लाइन बाजार इलाके में ही ऐसे एक दर्जन से अधिक नर्सिंगहोम हैं, जो बहुमंजिली इमारत में बिना किसी लाइसेंस के संचालित किए जा रहे हैं। सवाल उठता है कि अधिकारियों की नाक के नीचे आखिर किसकी सहमति से ऐसे नर्सिंगहोम संचालित किए जा रहे हैं। पिछले दिनों छह लैब पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। आखिर कार्रवाई बड़े-बड़े नर्सिंगहोम और अस्पताल पर क्यों नहीं होती है। चुनिदा कार्रवाई होती है वह भी छोटे-छोटे लैब पर की जाती है।

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बहुमंजिली इमारत में फर्जी अस्पताल का संचालन -

जिले में अवैध रूप से निजी अस्पतालों का संचालन कोई चोरी-छिपे नहीं किया जा रहा है। बहुमंजिली इमारत में पोस्टर और बैनर के साथ ये अस्पताल संचालित किए जा रहे हैं। लैब, अल्ट्रासाउंड सेंटर और एक्सरे सेंटर के फर्जीवाड़ा के साथ-साथ अब अस्पताल भी फर्जीवाडा में शामिल हैं। छोटे -छोटे जांच सेंटर पर कार्रवाई होती है, लेकिन अवैध रूप से चल रहे ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं होती है। यहां प्रदूषण रोकने और अन्य मानकों का भी पालन नहीं होता है। जब अस्पताल और नर्सिंगहोम ही अवैध है, तब एनओसी की बात करना भी बेमानी है। पिछले माह जांच के बाद छह फर्जी पैथोलॉजी लैब पर मामला दर्ज किया गया था। साथ ही वैसे मकान मालिक पर भी कार्रवाई की बात कही गई थी, जिसमें ऐसे लैब और नर्सिंगहोम का संचालन किया जा रहा है। इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। मरीजों के मौत के बाद भी नहीं लिया जाता संज्ञान -:

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मरीजों की मौत के बाद हंगामा और तोड़फोड़ भी होता है, लेकिन विभाग इस पर संज्ञान शायद ही लेता है। बिना लिखित शिकायत के फर्जी नर्सिंगहोम पर विभाग कार्रवाई नहीं करना चाहता है।

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चिकित्सकीय लाइसेंस से अस्पताल का हो रहा है संचालन -:

लाइन बाजार इलाके में अवैध तरीके से चल रहे अस्पतालों की भरमार हैं। इनकी निबंधन प्रक्रिया अब तक शुरू भी नहीं की गई है। चिकित्सक को लाइसेंस निजी क्लिनिक संचालन के लिए मिलता है, लेकिन इसका इस्तेमाल वे अस्पताल संचालन के लिए करने लगते हैं, जबकि इसके लिए उन्हें अलग से लाइसेंस की दरकार है।

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कोट के लिए -

किसी को मनमानी करने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे फर्जी लैब और नर्सिंगहोम पर पहले भी टीम गठित कर विभाग ने कार्रवाई की है। मुकदमा भी दर्ज किया गया है। अगर नर्सिंगहोम और लैब बिना लाइसेंस या उचित मापदंड का पालन किए चल रहे हैं तो उन पर कार्रवाई होगी।

डॉ. एसके वर्मा, सिविल सर्जन

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