अल्पसंख्यक मुलकिया पंचायत की बदलने लगी है तस्वीर

अल्पसंख्यक बहुल बड़हरा कोठी के ग्राम पंचायत मुलकिया की तस्वीर अब बदल चुकी है। वर्तमान मुखिया गुड्डी और उनके पति शंभू दास के अथक प्रयास से लगातार बुनियादी समस्याओं का समाधान हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:05 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:05 AM (IST)
अल्पसंख्यक मुलकिया पंचायत की बदलने लगी है तस्वीर
अल्पसंख्यक मुलकिया पंचायत की बदलने लगी है तस्वीर

पूर्णिया। अल्पसंख्यक बहुल बड़हरा कोठी के ग्राम पंचायत मुलकिया की तस्वीर अब बदल चुकी है। वर्तमान मुखिया गुड्डी और उनके पति शंभू दास के अथक प्रयास से लगातार बुनियादी समस्याओं का समाधान हो रहा है। कभी बरसात में पैदल चलना भी यहां दुश्वार था, परंतु आज यहां भी लग्जरी गाड़ियां दौड़ रही हैं। बड़हरा पुलिस थाना क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम पंचायत मुलकिया में 14 वार्ड हैं। इसमें अल्पसंख्यकों के साथ-साथ यादवों, आदिवासी और महादलितों की संख्या भी अच्छी-खासी है। पंचायत के पश्चिमी भाग लाल मोहम्मद टोला और बोधी टोला में नदी के कारण बाढ़ भी आती है।

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सड़कें हुईं चकाचक

पांच साल पूर्व तक इस पंचायत की अधिकतर सड़कें कच्ची और ईंट सोलिग हुआ करती थीं, लेकिन अब पंचायत की अधिकांश सड़कों का पक्कीकरण हो गया है। अब पगडंडी सड़कों में आपसी तालमेल से जमीन लेकर सात निश्चय योजना से सड़क निर्माण किया गया है और किया जा रहा है। मुखिया के प्रयास से सड़क सर्वे के समय आई टीम के साथ मिलकर पंचायत के गली-मोहल्ले की सड़क को मुख्यमंत्री संपर्क योजना और प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़ चुका है।

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सात निश्चय के तहत पंचायत में हुए काफी कार्य

गलियों में सात निश्चय योजना, पंचम वित्त, 14वीं वित्त से पीसीसी सड़कें या फिर पेवर ब्लाक सड़के बनाई गई है। पंचायत के बोधी टोला, लाल मोहम्मद टोला, सूरदास जगह टोला, महादलित टोल आदि जगहों में पहले बरसात में चलना मुश्किल था। आज लग्जरी गाड़ियां दौड़ती है। पंचायत में ईट सोलिग सड़क अब नहीं के बराबर है। ऐसे में मुखिया का प्रयास अब छोटे छोटे नई सड़कों का निर्माण करना है। पंचायत में हर वार्ड में वेपर लाइट भी लगाया गया है।

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चौक-चौराहे की बढ़ गई रौनक

मधेपुरा जिला की सीमावर्ती पंचायत होने के कारण अब यहां सड़कों के बनाने से चौक-चौराहे पर रौनक बढ़ गई है। पंचायत में पांच साल पहले बिजली की समस्या थी लेकिन अब पंचायत के हर वार्ड में पोल तार लगाकर घर-घर पहुंच चुकी है। पंचायत में स्वच्छ जल को लेकर हर घर नल के जल को लेकर नलकूप कनेक्शन किया जा रहा है। पंचायत में वृद्धा, दिव्यांग और विधवा को पेंशन, प्रधानमंत्री आवास का लाभ और शौचालय निर्माण को लेकर अपेक्षित कदम उठाया जा रहा है। ................

स्वास्थ्य सुविधा बदहाल

उप स्वास्थ्य केंद्र मुरबल्ला में डॉक्टर के पदस्थापित नहीं रहने से यहां के लोगों को पांच किलोमीटर की दूरी तय कर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दिवरा बाजार जाना पड़ता है।

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आंकड़ों पर एक नजर कुल आबादी 13255 कुल मतदाताओं की संख्या 9155 महिला मतदाता 4392 पुरूष मतदाता 4763 विद्यालय की संख्या 09 प्राथमिक विद्यालय 04 मध्य विद्यालय 04

उच्च विद्यालय 01

आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 12

अतिरिक्त उप स्वास्थ्य केंद्र 01

सार्वजनिक शौचालय 01

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मुखिया का दावा

मुखिया गुड्डी कुमारी का कहना है कि पति शंभू दास के साथ मिलकर शुरू से ही लोगों के बीच भलाई का काम किया है। 2016 में पहली बार मैं मुखिया बनी। उस समय पंचायत में समस्याओं का अंबार था। पंचायत में अधिकांश जगह कच्ची सड़कें थी। उस समय सड़क के सर्वे के लिए टीम मुलकिया पहुंची थी। उन्होंने पंचायत के हर गली-मोहल्ले की सड़कों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल करने का सफल प्रयास किया। बनमनखी विधायक ने इस पर पहल की थी। आज बोधी टोला, लाल मोहम्मद टोला, सहसोल गांव के सूरदास टोला, जगह टोला, सूरदास टोला बड़ी मस्जिद टोला, सरपंच टोला, मुरबल्ला हो या कटैया गांव सब जगह सड़कें बन चुकी है। जो सड़कें बच गई थी उसका सात निश्चय योजना, पंचम और चौदहवीं से निर्माण कराया गया है। मुलकिया के हर घर में बिजली, शौचालय व नल का जल पहुंचाया गया है।

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पंचायत के लोगों की राय सहसोल निवासी सुशील कुमार निराला कहते है कि पंचायत में चौमुखी विकास का कार्य हुआ है परंतु और विकास की आवश्यकता है। इस पंचायत में स्वास्थ्य सेवा का घोर अभाव है। स्वास्थ्य केंद्र में कर्मी तो है परंतु डॉक्टर नहीं रहने से यहां के लोगों को कठिनाई होती है।

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हरेराम कुमार कहते हैं कि पंचायत में विकास जरूर हुआ है। सड़के बनी, हर घर पानी पहुंचाया गया। शौचालय निर्माण सबों के घर किया गया, परंतु पंचायत को प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क मार्ग में पारस पुल पर पुल नहीं रहने से आठ से दस किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है।

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गणेश मंडल ने बताया कि मुझे वर्षों बाद सरकार की योजना प्रधानमंत्री आवास का लाभ

पहली बार मिला है। मैं काफी खुश हूं परंतु सरकारी योजनाओं में सरकार के अधिकारी व कर्मियों के बीच घुसखोरी प्रथा बढ़ गई है।

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