सदर अस्पताल में प्रसव दर में बढ़ोतरी लेकिन सुविधाओं का टोटा

सदर अस्पताल में प्रसव दर में वृद्धि हुई है लेकिन उसके बाद मिलने वाली सुविधाओं में कमी है। मॉडल लेबर रूम में पिछले एक वर्ष में गर्भवती महिलाओं की संख्या में दोगुनी से अधिक बढ़ोतरी हुई है लेकिन उस तुलना में सुविधाओं का घोर अभाव है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:04 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:04 AM (IST)
सदर अस्पताल में प्रसव दर में बढ़ोतरी लेकिन सुविधाओं का टोटा
सदर अस्पताल में प्रसव दर में बढ़ोतरी लेकिन सुविधाओं का टोटा

पूर्णिया। सदर अस्पताल में प्रसव दर में वृद्धि हुई है लेकिन उसके बाद मिलने वाली सुविधाओं में कमी है। मॉडल लेबर रूम में पिछले एक वर्ष में गर्भवती महिलाओं की संख्या में दोगुनी से अधिक बढ़ोतरी हुई है लेकिन उस तुलना में सुविधाओं का घोर अभाव है। सिजेरियन के बाद मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त बेड की कमी है। पोस्ट डिलीवरी वार्ड में काफी भीड़ रहती है। लॉकडाउन के दौरान भी जब निजी अस्पताल अपनी सेवा बंद किए हुए था तभी सदर अस्पताल में गर्भवती महिलाओं ने प्रसव करवाने वाले गर्भवती महिलाओं की संख्या वृद्धि हुई थी। पिछले पांच माह में 3600 मरीजों ने अपना प्रसव कराया। औसतन 700 गर्भवती महिलाओं का प्रसव यहां पर प्रत्येक माह हो रहा है। लॉकडाउन के पहले प्रत्येक दिन प्रसव कराने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या औसतन 10-12 रहता था जो अब 23-25 तक पहुंच गया है लेकिन मेटरनिटी वार्ड में बेड की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सदर अस्पताल में उठाया लाभ -:

प्रत्येक माह 700 प्रसव सदर अस्पताल में हो रहा है। पिछले पांच माह में 3600 गर्भवती महिलाओं ने यहां के सुविधाओं का लाभ उठाया है। 2020 के सितंबर माह में 813, अक्टूबर माह में 816, नवंबर माह में 743, दिसंबर माह में 686, इस वर्ष के जनवरी माह में 640 गर्भवती महिलाओं ने प्रसव कराया गया है। ओटी की है सुविधा -:

सदर अस्पताल में जनरल ओटी के अलावा मॉडल लेबर रूम में ओटी की सुविधा उपलब्ध है। मॉडल लेबर रूम में महिला चिकित्सक मौजूद रहते हैं। नॉर्मल डिलीवरी के साथ ही सिजेरियन भी होता है। संसाधन की कमी बरकरार -:

प्रसव के बाद प्रसूता को बेड नहीं मिल पाता है। यह शिकायत बराबर बनी रहती है। प्रसव की तुलना में यहां पर बेड की भारी कमी है। मेटरनिटी वार्ड में 20 बेड के अलावा महिला वार्ड में सिजेरियन मरीज को शिफ्ट किया जाता है जो ऊपरी मंजिल में है। कई बार ऊपरी मंजिल के लिए मरीज को भेज दिया जाता है लेकिन वहां बेड उपलब्ध नहीं रहता है। समन्वय की कमी के कारण मरीज को काफी परेशानी होती है। ऐसी घटना आम है। मरीज बराबर इस संबंध में शिकायत करते हैं। प्रसव के उचित देखभाल की शिकायत मरीज बराबर करते हैं।

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