क्षेत्रफल और जनसंख्या के बीच अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था खानापूर्ति

पूर्णिया। जिला में अग्निशमन व्यवस्था संसाधनों की कमी से जूझ रही है। क्षेत्रफल और जनसंख्या के ²ष्टिको

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 08:03 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 08:03 PM (IST)
क्षेत्रफल और जनसंख्या के बीच अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था खानापूर्ति
क्षेत्रफल और जनसंख्या के बीच अग्निशमन सुरक्षा व्यवस्था खानापूर्ति

पूर्णिया। जिला में अग्निशमन व्यवस्था संसाधनों की कमी से जूझ रही है। क्षेत्रफल और जनसंख्या के ²ष्टिकोण से वृहत क्षेत्र में अग्निशमन व्यवस्था की घोर कमी है। आग लगने के वर्तमान सीजन में अग्निशमन की उपयोगिता बढ़ जाती है लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 35 लाख की आबादी वाले जिला में छोटी-बड़ी सिर्फ 19 अग्निशमन की गाड़ियां है।

वर्तमान में 17 दुरुस्त अवस्था में हैं और दो खराब हैं। इस व्यवस्था के बीच आग पर काबू पाना काफी कठिन कार्य है। इसमें अग्निशमन की अधिकांश वाहन भी दम तोड़ रहा है। पुराने और जीर्णशीर्ण अवस्था में होने के बावजूद किसी तरह उसकी मरम्मति करा अग्नि सुरक्षा के कार्यों को निष्पादित किया जा रहा है। ऐसे पुराने वाहन जो 15 साल से अधिक समय पूरा होने के बावजूद अग्नि सुरक्षा कार्य में लगा हुआ है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में अग्निशमन की व्यवस्था कितना दुरुस्त है। संसाधन के कमी के बीच अग्निशमन पदाधिकारी से लेकर कर्मी किसी तरह अगलगी की घटना पर काबू पाने में जुटे रहते हैं।

जिला के किसी भी क्षेत्र से आग लगने की सूचना पर आग तत्परता के साथ आग बुझाने के लिए अग्निशमन की गाड़ी जाती है लेकिन कमी के कारण समय से काबू करना कठिन हो जाता है। अग्निशमन विभाग के ऑडिट के अनुसार 50 हजार की आबादी पर एक फायर स्टेशन होना चाहिए। ताकि किसी भी सूचना पर त्वरित मूवमेंट हो सके। अग्निशमन विभाग के ऑडिट में यह सामने आया था कि जिला में आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार अग्निशमन की व्यवस्था में काफी कमी है। आबादी के अनुसार देखा जाए तो एक फायर स्टेशन के हवाले पांच लाख से अधिक आबादी की अग्नि सुरक्षा है। वह भी वाहन, अग्नि सिपाही और चालक की कमी से जूझते हुए। स्थित यह है कि सदर अनुमंडल कार्यालय के अलावा अन्य अनुमंडल में अग्निशमन वाहन में पानी भरने क लिए हाइड्रेंट तक की व्यवस्था नहीं है। किसी तरह से व्यवस्था कर पानी भरा जाता है।

फायर स्टेशन में अग्निशमन वाहनों की संख्या::

जिला में कुल 19 अग्निशमन वाहन में सदर अनुमंडल स्थित कार्यालय में दो बड़ी और एक छोटी गाड़ी है। इसके अलावा बायसी अनुमंडल में दो बड़ी, बनमनखी अनुमंडल में दो बड़ी गाड़ी और धमदाहा अनुमंडल में दो बड़ी गाड़ी है। इसके अलावा 11 छोटी गाड़ी विभिन्न थाना में दिया गया है। इसमें सदर अनुमंडल के केहाट थाना में एक, कसबा में एक, जलालगढ़ में एक, केनगर में एक छोटी गाड़ी है। बायसी अनुमंडल क्षेत्र के बायसी थाना में एक, रौटा में एक और अनगढ़ थाना में एक छोटी गाड़ी है। धमदाहा अनुमंडल के टिकापट्टी थाना में एक, रूपौली थाना में एक के अलावा बनमनखी अनुमंडल के जानकीनगर थाना में अग्निशमन की एक छोटी वाहन है।

गृहरक्षक के भरोसे हो रहा अग्निशमन विभाग संचालित::

अग्निशमन विभाग में कर्मियों की काफी कमी है। गृहरक्षक को चालक से लेकर सिपाही तक के काम में लगाकर काम कराया जा रहा है। जिला में 24 चालक है जिसमें 22 अग्निक चालक और 2 गृहरक्षक चालक है। वहीं 30 अग्निक सिपाही कार्यरत है। इसके अलावा 10 गृहरक्षक को प्रशिक्षण देकर अग्निक सिपाही के तौर पर कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया है।

नए वाहनों की है जरूरत::

अग्निशमन विभाग में जुटे अधिकांश बड़े वाहन 15 साल से अधिक समय से पुराना है। ऐसी पुरानी गाड़ी कार्य के दौरान अक्सर खराब हो जाता है जो अग्निशन विभाग के पदाधिकारियों के परेशानी का सबब बन जाता है, जिस कारण अग्नि सुरक्षा कार्य बाधित होता है और जान-माल की क्षति होती है। अग्नि सुरक्षा कार्य को बेहतर बनाने के लिए सर्वप्रथम नए वाहनों की जरूरत है।

कोट के लिए:-

अग्निशमन विभाग में संसाधन की कमी है। उपलब्ध संसाधन के आधार पर ही आग लगने की घटना बाद उस पर काबू पाया जाता है। कमी को देखते हुए विभाग को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए रिपोर्ट भेजा गया है।

राय बिमल विद्रोह, अग्निशमालय पदाधिकारी

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