खुले में मेडिकल वेस्ट फेंकने से गंभीर बीमारी के फैलने की आशंका

पूर्णिया। निजी अस्पताल और लैब में मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक रहे हैं। अस्पताल नर्सिंग हो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 11:22 PM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 11:22 PM (IST)
खुले में मेडिकल वेस्ट फेंकने से गंभीर बीमारी के फैलने की आशंका
खुले में मेडिकल वेस्ट फेंकने से गंभीर बीमारी के फैलने की आशंका

पूर्णिया। निजी अस्पताल और लैब में मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंक रहे हैं। अस्पताल, नर्सिंग होम और निजी लैब से बायो मेडिकल कचरा निकलता उसको खुले में या आसपास के खाली मैदान में फेंक दिया जाता है। कई बार कचरे में आग लगा दी जाती है। दोनों ही हालत में यह काफी खतरनाक है। निजी कंपनियों से भी इनका करार होता है जिसके अंतर्गत ऐसे कचरे उठाव किया जाता है। उठाव से पहले अधिकांश अस्पताल के कचरा घर नहीं है। तब तक वह खुले में फेंक दिया जाता है। यहां निजी कंपनी भी जो उठाव करती है वह शहर के बाहर कप्तान पुल के पार करते ही खुले में फेंक देती है। इस सब पर निगरानी करने वाला कोई नहीं है। कभी इसमें आग लगा दी जाती है और उस कारण पूरा इलाका धूंआ-धूंआ हो जाता है। इस सबके कारण काफी अधिक प्रदूषण फैलता है। इस तरह की लापरवाही से गंभीर बीमारी के फैलने का खतरा रहता है। इसके साथ ही दूसरी सबसे बड़ी कमी ऐसे मेडिकल वेस्ट को लेकर प्रबंधन और प्रशिक्षण का अभाव है। मेडिकल वेस्ट को हैंडल करने का उचित प्रशिक्षण नहीं होने के कारण यह मेडिकल स्टाफ, मरीज और पूरी कम्यूनिटी को बड़े पैमाने पर संक्रमित होने का खतरा है। डब्लूएचओ का मानक के मुताबिक सभी प्रकार के मेडिकल कचरा का अलग-अलग निस्तारण किया जाना चाहिए। निस्तारण सुरक्षित और सही तरीके से होना चाहिए। एक मानक के मुताबिक 100 बेड के अस्पताल में 100 से 200 तक मेडिकल वेस्ट प्रतिदिन निकलता है। बायो मेडिकल कचरे का समुचित निस्तारण संबंधित नियम अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डिस्पेंसरी, पशु संस्थान, पैथोलोजिकल लैब और ब्लड बैंक पर लागू होता है। ऐसे संस्थानों के लिए बायो मेडिकल वेस्ट को ट्रीट करने के लिए अपने संस्थानों में मशीनें, आधुनिक उपकरण में लगाने ही होंगे। उनके पास इसके निराकरण के लिए उचित व्यवस्था का सर्टिफिकेट होनी चाहिए। अगर किसी के पास यह सर्टिफिकेट नहीं मिलता है तो हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन तक रद्द करने का प्रावधान है। प्रदूषण के मानक को पूरा नहीं करने पर आधा दर्जन निजी अस्पताल को नोटिस भेजा जा चुका है। उसके बाद अबतक इस समस्या का निराकरण नहीं हुआ है और मरीज और आमजन परेशान है। रोजाना सैकड़ों किलो मेडिकल कचरा निकलता है जिसका सही तरीके से निस्तारण नहीं हो रहा है। इसमें कई किलो कचरा काफी घातक हैं जो समुदाय में संक्रमण फैला सकते हैं। इस संबंध सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा का कहना है कि पहले ही इस संबंध अस्पताल को नोटिस भेजा गया और जानकारी मांगी गई है।

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