कबाड़ बने करोड़ों के वाहनों व उपकरणों को कामधेनु बना रहा नगर निगम

पूर्णिया [प्रकाश वत्स]। कबाड़ बने करोड़ों के वाहनों व उपकरणों को कामधेनु बनाने की कवा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:15 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 08:15 PM (IST)
कबाड़ बने करोड़ों के वाहनों व उपकरणों को कामधेनु बना रहा नगर निगम
कबाड़ बने करोड़ों के वाहनों व उपकरणों को कामधेनु बना रहा नगर निगम

पूर्णिया [प्रकाश वत्स]। कबाड़ बने करोड़ों के वाहनों व उपकरणों को कामधेनु बनाने की कवायद नगर निगम ने शुरु की है। निगम ने गैरेजों में बेकार पड़े कचरा उठाव, ढुलाई के साथ नाले की सफाई के लिए पूर्व में खरीदे गए वाहनों व उपकरणों की सुधि लेनी शुरु कर दी है। साथ ही इसमें मामूली खर्च से ठीक होने वाले वाहनों व उपकरणों की सूची तैयार कर इसकी मरम्मत कराने की कवायद शुरु कर दी है। अब तक आधा दर्जन वाहन व उपकरण मरम्मत के बाद आउटसोर्सिंग को किराए पर दिया जा चुका है और इससे राजस्व की प्राप्ति भी शुरु हो गई है। बोर्ड के स्तर से नहीं ली गई वाहनों की सुधि

पूर्व में अधिकांश बोर्ड द्वारा इन वाहनों व उपकरणों की कोई सुधि नहीं ली गई। इस कारण कई नए वाहन भी कवाड़ की ढेर में पड़ा रहा। और तो और लाखों की लागत से खरीद की गई बड़े कूड़ादान से ट्रैक्टर ट्राली पर सीधे कचरा डालने वाला जेसीबी तक यहां बेकार पड़ा हुआ था। इस कारण बड़े कूड़ेदान से कचरा का उठाव बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा था और कूड़ादान के इर्द-गिर्द ही कचरे का ढेर लग जाता था। महज दो लाख की लागत से इसकी मरम्मत कराकर इसे अब आउटसोर्सिंग को किराए पर दिया जा चुका है। इसी तरह कचरा ढुलाई के उपयोग में आने वाली कई मालवाहक आटो, ट्रैक्टर व टैंकर भी दुरुस्त कर किराए पर दिया जा चुका है। पुराने वाहनों की मरम्मत से ज्यादा नए वाहनों की खरीद में रही दिलचस्पी

पूर्व में पुराने वाहनों व उपकरणों की मरम्मत से ज्यादा नए वाहनों की खरीद में ज्यादा दिलचस्पी रही। प्राय: हर बोर्ड के समय इसको लेकर सवाल भी उठते रहे, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाई। फिलहाल इस कवायद से निगम को कबाड़ बने इन संसाधनों से अपेक्षित राजस्व मिलने की उम्मीद बढ़ी है।

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पूर्व में कचरा उठाव, नाला सफाई सहित अन्य कार्याें के लिए खरीदे गए दर्जनों वाहन व अन्य उपकरण बेकार पड़े हुए हैं। मामूली खर्च से इसकी मरम्मती कराई जा सकती है। पूर्व में इन वाहनों की मरम्मत की बजाय कुछ नए वाहन ही खरीद लिए गए या फिर येन-केन प्रकारेण कार्य किया जाता रहा। अब तक आधा दर्जन वाहनों व उपकरणों को मरम्मत के बाद आउटसोर्सिंग को किराए पर दिया जा चुका है। इससे साफ-सफाई व्यवस्था में भी सहूलियत हो रही है और निगम को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त हो रहा है।

जीउत सिंह, नगर आयुक्त, पूर्णिया।

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