दूसरी लहर में एंबुलेंस चालक सुधांशु फ्रंट पर हैं तैनात, मरीजों के लिए रहते हैं तत्पर
पूर्णिया कोरोना संक्रमण के फैलाव ने एक बार फिर मेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम हो गई ह
पूर्णिया: कोरोना संक्रमण के फैलाव ने एक बार फिर मेडिकल स्टाफ की भूमिका अहम हो गई है। इससे अलग एंबुलेंस चालक और कर्मी का भी रोल कमतर नहीं है। संक्रमित मरीज को लेकर आना और फिर पुरी सुरक्षा में अस्पताल पहुंचाने की अहम जिम्मेदारी इनके कंधे पर है। पीपीई कीट पहन कर काफी देर तक रहना इनके लिए कम मुश्किल नहीं है। कभी -कभी काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है। मरीज को सहारा देकर अस्पताल के वार्ड में पहुंचाना पड़ता है। सदर अस्पताल में सुधांशु कुमार एंबुलेंस चालक है। पिछले बार की तरह वे दूसरी लहर में भी फ्रंट पर मुस्तैद हैं। वे कई बार अकेले मरीज अस्पताल तक लाकर उसकी जान बचा चुके हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि स्वजन भी साथ आने से मुंह मोड़ लेते हैं लेकिन वे अपने फर्ज से पीछे नहीं हटते।
सुधांशु बताते हैं कि कोरोना मरीज को क्षेत्र से अस्पताल लाने में काफी परेशानी होती है। कभी ऑक्सीजन मास्क तक भी मरीज को लगाने की आवश्यकता होती है तो लगाते हैं। गाड़ी समय पर सैनिटाइज नहीं की जाती है तो स्वयं कर लेते हैं। कहते हैं मरीज को समय पर सुविधा मिलनी चाहिए। सुधांशु इस दौरान परिवार से दूर रहते हैं। घर पर पहुंचते ही अलग कमरे में रहते हैं। संक्रमण की आशंका बनी रहती है। कहते है कि सरकारी उदासीनता खटकती है। इसके बावजूद जुटे हुए हैं। सरकार द्वारा घोषित एक माह का प्रोत्साहन राशि एंबुलेंस कर्मियों को ना तो पिछली बार मिला था और ना इस बार मिला है।